आवाज द वाॅयस /हैदराबाद
भारत सरकार की "एक भारत श्रेष्ठ भारत" (EBSB) पहल के तहत आयोजित युवा संगम कार्यक्रम के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के छात्रों और युवाओं का एक प्रतिनिधिमंडल आज हैदराबाद पहुंचा. मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (MANUU) में आगंतुकों का पारंपरिक मार्फा नृत्य और लयबद्ध ढोल की थाप के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया गया. यह अनोखा स्वागत, दक्कन की संस्कृति और परंपरा का परिचायक था.
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एनआईटी हमीरपुर के डॉ. परम सिंह कर रहे हैं. कार्यक्रम में MANUU के स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म के प्रमुख और डीन, साथ ही तेलंगाना में युवा संगम कार्यक्रम के नोडल अधिकारी प्रो. मोहम्मद फरियाद ने टीम का स्वागत किया.
उन्होंने तेलंगाना के दक्कन क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने दक्कन के परंपराओं के संगम, उर्दू साहित्य और कला में इसके योगदान पर भी प्रकाश डाला.
विश्वविद्यालय का दौरा और सांस्कृतिक अनुभव
प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण किया और विभिन्न विभागों तथा स्कूलों का दौरा किया. यहां उन्होंने MANUU के शैक्षणिक और सांस्कृतिक परिवेश को नज़दीक से समझने के लिए संकाय और छात्रों के साथ बातचीत की. इस बातचीत से प्रतिनिधिमंडल को उर्दू साहित्य, कला और दक्कन की परंपराओं के बारे में गहराई से जानने का अवसर मिला.
हैदराबाद की ऐतिहासिक धरोहरों की खोज
विश्वविद्यालय के दौरे के बाद, टीम ने हैदराबाद के प्रतिष्ठित ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का दौरा किया. उन्होंने विश्व प्रसिद्ध सालार जंग संग्रहालय, जो कला और दुर्लभ कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध है और हैदराबाद की स्थापत्य भव्यता के प्रतीक चारमीनार का दौरा किया। इन स्थलों की यात्रा ने उन्हें शहर की समृद्ध विरासत और परंपरा का अनुभव करने का अवसर दिया.
युवा संगम कार्यक्रम का उद्देश्य
युवा संगम कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत के युवाओं को विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक और विकासात्मक उपलब्धियों से परिचित कराना है. यह पहल राज्यों के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करने, यादगार अनुभव प्रदान करने और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने का कार्य करती है.
इस यात्रा ने हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना के युवाओं के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान की भावना को बढ़ावा दिया और दोनों राज्यों के बीच आपसी समझ और सहयोग को मजबूत किया. यह कार्यक्रम "एक भारत श्रेष्ठ भारत" के आदर्श को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है.