आवाज द वाॅयस /हैदराबाद
"विकसित भारत @2047" के विजन को आगे बढ़ाते हुए, मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (MANUU) इस वर्ष से दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उर्दू भाषा में MBA कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है. यह भारत में पहली बार होगा जब उर्दू माध्यम में इस तरह का प्रबंधन पाठ्यक्रम पेश किया जाएगा.
इस घोषणा को MANUU के दूरस्थ शिक्षा और ऑनलाइन शिक्षा केंद्र (CDOE) के निदेशक प्रो. मोहम्मद रजाउल्लाह खान ने भोपाल स्थित क्षेत्रीय केंद्र द्वारा कस्तूरबा गर्ल्स कॉलेज के सहयोग से आयोजित एक संगोष्ठी "विकसित भारत @2047 और दूरस्थ व ऑनलाइन शिक्षा की भूमिका" के दौरान साझा किया.
प्रो. रजाउल्लाह ने बताया कि शिक्षा तक व्यापक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए MANUU निरंतर प्रयासरत है और यह पहल विविध शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
MBA कार्यक्रम के अतिरिक्त, उन्होंने सोशल मीडिया जर्नलिज्म में ऑनलाइन डिप्लोमा शुरू करने और "मदरसा कनेक्ट प्रोग्राम" के पायलट प्रोजेक्ट की भी जानकारी दी, जिसके तहत 100 मदरसों के छात्रों को छह माह का अंग्रेजी बोलने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा.
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि ग्लोबल स्किल पार्क के पूर्व वरिष्ठ निदेशक शमीमुद्दीन (आईएएस) ने "विकसित भारत @2047" के सपने को साकार करने में कौशल विकास की अहम भूमिका पर बल दिया.
वहीं भोपाल के डिप्टी काजी मौलाना अली कदर हुसैनी ने मदरसा छात्रों की विश्लेषणात्मक क्षमता और परिश्रमी स्वभाव की सराहना करते हुए कहा कि आधुनिक शैक्षिक अवसर मिलने पर वे विविध क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं.
मध्य प्रदेश के मुफ्ती-ए-आजम, मुफ्ती मोहम्मद अहमद खान ने भी पारंपरिक मदरसा शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा के एकीकरण की आवश्यकता को रेखांकित किया, खासकर उर्दू माध्यम में दूरस्थ और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के माध्यम से.
इस अवसर पर प्रो. मोहम्मद हलीम खान और प्रो. जरगम हैदर ने भी अपने विचार व्यक्त किए.आरसी भोपाल के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मोहम्मद अहसन ने मदरसों से अपील की कि वे छात्रों को व्यापक शिक्षा अवसर प्रदान करने के लिए MANUU के शैक्षणिक कार्यक्रमों का लाभ उठाएँ.
सीटीई भोपाल के प्रिंसिपल प्रो. नौशाद हुसैन ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या की शैक्षिक माँगों को पूरा करने के लिए पारंपरिक शिक्षा के साथ नवाचार और तकनीक आधारित शिक्षा जरूरी है.
कार्यक्रम का संचालन सीटीई भोपाल की सहायक प्रोफेसर डॉ. नीति दत्ता ने किया और धन्यवाद ज्ञापन आरसी भोपाल के सहायक क्षेत्रीय निदेशक श्री मोहम्मद सआदत खान ने प्रस्तुत किया.