लोकगीतों के संरक्षण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका: प्रो. सैयद ऐनुल हसन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 04-09-2024
Women play an important role in preserving folk songs: Prof. Syed Ainul Hasan
Women play an important role in preserving folk songs: Prof. Syed Ainul Hasan

 

आवाज द वाॅयस / हैदराबाद

महिलाएं हमेशा से मौखिक परंपराओं की संरक्षक रही हैं, जो कहानियों, गीतों और कहावतों को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाती आई हैं. उन्होंने लोकगीतों के सार को जीवित रखा है. उसमें समुदायों के मूल्यों, ज्ञान और भावनाओं को समाहित किया है.

यह बातें मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (MANUU) के कुलपति प्रो. सैयद ऐनुल हसन ने  CPDUMT ऑडिटोरियम में आयोजित एक दिवसीय शोध विद्वान संगोष्ठी "उर्दू में लोक साहित्य की परंपरा" के उद्घाटन सत्र में कहीं. संगोष्ठी का आयोजन उर्दू संस्कृति अध्ययन केंद्र (CUCS), MANUU द्वारा किया गया था.

प्रोफेसर मोहम्मद नसीमुद्दीन फरीस, पूर्व डीन, भाषा विज्ञान और इंडोलॉजी स्कूल, MANUU मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता थे. प्रोफेसर एस.के. इश्तियाक अहमद, रजिस्ट्रार, प्रोफेसर सिद्दीकी मोहम्मद.

इस अवसर पर ओएसडी महमूद और एसएलएल एंड आई के डीन प्रोफेसर अजीज बानो ने भी अपने विचार रखे. सीयूसीएस के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर एम ए समी सिद्दीकी ने स्वागत भाषण दिया और सीयूसीएस के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अहमद खान ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

सेमिनार का समापन एमएएनयूयू के संगीत क्लब द्वारा लोक गायन कार्यक्रम के साथ हुआ, जिसके बाद एमएएनयूयू के डीन छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) प्रोफेसर सैयद अलीम अशरफ की अध्यक्षता में समापन सत्र हुआ.