शाहनवाज आलम /मुजफ्फरनगर / नई दिल्ली
15 अगस्त की रात इंडियन आइडल-12के विजेता घोषित होने के बाद से इसके विजेता पवनदीप राजन के साथ एक और नाम चर्चा में है, वह है मुजफ्फरनगर की गायिका फरमानी नाज की. गुरबत से गायिका बनी फरमानी नाज ने अपने दो साल के बेटे के ऑपरेशन, इलाज और देखरेख के लिए इंडियन आइडल को अपने मर्जी से छोड़कर मुजफ्फरनगर लौट गइं.
उसके बेटे का ऑपरेशन हो चुका है और वह तेजी से रिकवर कर रहा है. 24अगस्त को फरमानी ने अपने सोशल मीडिया पर बेटे का फोटो अपलोड कर सभी को शुक्रिया कहा .
इंडियन आइडल के मंच से वापस लौटने का उसे मलाल नहीं है. फरमानी ने कहा, मां से बड़ा कोई स्टारडम नहीं होता. जिस कुदरत ने गांव के खेत से इंडियन आइडल के मंच तक पहुंचाया, वहीं मुझे आगे का रास्ता दिखाएगा. इंडियन आइडल के मंच के बाद उसे वेब सीरीज और भोजपुरी गानों के लिए ऑफर आने शुरू हो गए है.
मोहम्मदपुर लोहड्डा गांव की रहने वाली फरमानी की एंट्री सोशल मीडिया के ‘इंटरनेट सेंशेसन’ के रूप में हुई थी. एक तरफ लाइट, कैमरा, एक्शन की जिंदगी के बीच नाम रोशन हो रहा था, तो दूसरी तरफ जिगर का टुकड़ा दो साल का मासूम अर्श था.
अर्श के हलक में छेद होने के कारण वह बोल नहीं पाता था. उसका मेरठ के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. डॉक्टरों ने कह दिया बच्चे का ऑपरेशन करना जरूरी है. बच्चे की जिंदगी और उसकी एक आवाज सुनने के लिए फरमानी ने इंडियन आइडल को छोड़ कर ऑपरेशन के खातिर वापस लौट आई.
सोशल मीडिया के सफर के बारे में बताते हुए फरमानी बताती है, बेटे को बहलाने-फुसलाने के लिए गाती थी. खेतों में काम करते हुए गुनगुनाती थी, लेकिन कभी कोई प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं ली. जो देखा और सुना, वही गाने की कोशिश की.
एक दिन गांव के ही आशु बच्चन और राहुल ने वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड कर दिया. बात में पता चला कि वह तो वायरल हो गया. धीरे-धीरे और वीडियो बनाते गए और अब फरमानी नाज से ही वीडियो चैनल है. जिसमें 34लाख से अधिक सब्सक्राइबर है. अब वह फिल्मी गानों के साथ भजन, लोकगीत भी गाती है.
निजी जिंदगी में फरमानी अब भी गरीबी में जिंदगी गुजार रही है. अपनी जिंदगी के बारे में खुलकर बात करने वाली फरमानी बताती है, उनके चार भाई-बहन है. 25मार्च 2018को मेरठ के गांव छोटा हसनपुर के रहने वाली इमरान से शादी हुई थी.
दो साल पहले बेटे का जन्म हुआ. उस वक्त बहुत कमजोर था. डॉक्टरों ने बेटे को बच्चे को डिब्बाबंद महंगा दूध पिलाने की सलाह दी. ससुराल वालों ने गरीबी का हवाला देकर हाथ खड़े कर दिए और उसे कई तरह के ताना एवं यातनाएं देने लगे. जिसके बाद वह ससुराल छोड़कर अपने मायके चली आई.
दर्द और तकलीफ के बीच गुजर रही फरमानी की जिंदगी का दर्द उसके गानों में भी सुनाई देती है. उसे उम्मीद है किस्मत फिर से उसे स्टार बनाएगी और वह अपने बच्चे को बेहतर जिंदगी दे सकेगी.