जामिया आकर क्या बोले यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया के प्रो जान वैन ड्रिएल ?

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 18-10-2024
What did Professor Jan van Driel of the University of Melbourne, Australia say on coming to Jamia?
What did Professor Jan van Driel of the University of Melbourne, Australia say on coming to Jamia?

 

आवाज़ द वाॅयस/ नई दिल्ली

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शिक्षा संकाय के शिक्षक प्रशिक्षण और अनौपचारिक शिक्षा विभाग (आईएएसई) द्वारा  “वर्तमान परिदृश्य में एसटीईएम शिक्षा के अवसर” विषय पर एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के विशेष अतिथि थे ऑस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न के प्रोफेसर जान वैन ड्रिएल, जिन्होंने  तेजी से बदलती दुनिया में एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) शिक्षा के महत्व पर विस्तार से चर्चा की.

यह आयोजन जामिया के आईएएसई के नए हॉल में किया गया, जिसमें मेलबर्न विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय की रणनीतिक सलाहकार  जूही अहमद भी उपस्थित थीं. डॉ. एरम खान ने अपने स्वागत भाषण में दोनों अतिथियों का सम्मान किया. विभाग की ओर से उन्हें शॉल, स्मृति चिन्ह और पौधे भेंट किए गए.

 इसके साथ  संकाय की हाल ही में प्रकाशित पांच पुस्तकें भी उपहार स्वरूप दी गईं. कार्यक्रम में शिक्षा संकाय की डीन प्रो. सारा बेगम और टीटी और एनएफई विभाग की प्रमुख प्रो. जेसी अब्राहम की भी उपस्थिति रही. कार्यक्रम का समन्वय प्रो. जसीम अहमद और प्रो. वीरा गुप्ता ने किया.


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प्रो. जान वैन ड्रिएल का व्याख्यान

प्रो. जान वैन ड्रिएल, मेलबर्न विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय में विज्ञान शिक्षा के प्रोफेसर हैं और गणित, विज्ञान और प्रौद्योगिकी शिक्षा समूह के सह-नेता हैं. उन्होंने अपने व्याख्यान में एसटीईएम शिक्षा के महत्व और इसे लागू करने की चुनौतियों पर गहन दृष्टिकोण साझा किए. उन्होंने बताया कि फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं के दौर में एसटीईएम शिक्षा की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है.

प्रो. ड्रिएल ने ऑस्ट्रेलिया और भारत के पाठ्यक्रम के बीच समानताओं पर भी चर्चा की और कहा कि एसटीईएम शिक्षा ऑस्ट्रेलियाई पाठ्यक्रम का अभिन्न हिस्सा है, जबकि भारत में इसका समावेश हाल ही में हुआ है. उन्होंने शिक्षक प्रशिक्षण के महत्व पर बल दिया और बताया कि कैसे कुशल शिक्षक भविष्य की पीढ़ियों को सामग्री सीखने के दौरान समुदाय से जुड़ने में मदद कर सकते हैं.

एसटीईएम शिक्षा और भविष्य

प्रो. ड्रिएल ने वैश्विक दृष्टिकोण से एसटीईएम शिक्षा के उन शोध क्षेत्रों पर भी बात की जिन्हें अभी खोजा जाना बाकी है. उनकी प्रस्तुति ने श्रोताओं को एसटीईएम शिक्षा के महत्व को समझने और इसे वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के नए आयामों से अवगत कराया.

अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर चर्चा

व्याख्यान के उपरांत प्रो. जेसी अब्राहम ने मेलबर्न विश्वविद्यालय के साथ सहयोग के संभावनाओं पर चर्चा की. एसटीईएम शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी के महत्व को रेखांकित किया. उनके विचारों ने शिक्षकों के पेशेवर विकास और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान किए.

प्रो. जसीम अहमद ने एसटीईएम शिक्षा के महत्व पर अपने विचार साझा किए. बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में एसटीईएम शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है, जो भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों के करीब लाने का प्रयास है.


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कार्यक्रम की सफलता

इस व्याख्यान में जामिया के विभाग के संकाय सदस्य, शोधार्थी, स्नातकोत्तर और स्नातक छात्र शामिल हुए. उन्होंने प्रो. ड्रिएल से एसटीईएम शिक्षा और अंतःविषय दृष्टिकोणों पर सवाल पूछे और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया। इस सत्र ने छात्रों को एसटीईएम शिक्षा के व्यापक दृष्टिकोण से परिचित कराने के साथ-साथ उनके ज्ञान का विस्तार किया.

कार्यक्रम का समापन शोधार्थी  शाइस्ता तनवीर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने अतिथियों, आयोजकों और सभी प्रतिभागियों को कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया.