आवाज द वाॅयस / हैदराबाद
मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (MANUU) ने हाल ही में एक विशेष विदाई समारोह का आयोजन किया, जिसमें तेलंगाना के 50 छात्रों का दल हिमाचल प्रदेश के एनआईटी हमीरपुर की ओर परिवर्तनकारी यात्रा पर रवाना हुआ. यह यात्रा युवा संगम कार्यक्रम का हिस्सा है, जो एक भारत श्रेष्ठ भारत (EBSB) पहल के तहत आयोजित की गई है.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के विभिन्न क्षेत्रों के बीच आपसी एकता और समझ को बढ़ावा देना है.तेलंगाना के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से चयनित छात्रों का यह दल शैक्षणिक और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है.
हिमाचल प्रदेश में सात दिनों का यह प्रवास छात्रों को संस्कृति, प्रौद्योगिकी और सामाजिक संबंधों के अद्भुत अनुभवों से रूबरू कराने का एक अवसर देगा. शिक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए इस कार्यक्रम में पांच प्रमुख पहलुओं – पर्यटन, परंपरा, प्रगति, परस्पर संपर्क और प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
MANUU के प्रभारी कुलपति, प्रो. पी. एफ. रहमान ने छात्रों को संबोधित करते हुए युवा संगम की महत्ता पर जोर दिया. उन्होंने इसे केवल पर्यटन से परे, भारतीय संस्कृति, इतिहास और उपलब्धियों से जुड़ने का एक सशक्त मंच बताया. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के समृद्ध प्राकृतिक परिदृश्यों, परंपराओं और प्रगति को प्रत्यक्ष रूप से देखने से छात्रों को भारत की विविधता और इसके एकीकृत चरित्र को गहराई से समझने का मौका मिलेगा.
सांस्कृतिक आदान-प्रदान का अवसर
मास कम्युनिकेशन विभाग के प्रमुख और तेलंगाना में युवा संगम कार्यक्रम के नोडल अधिकारी, प्रो. मोहम्मद फरियाद ने छात्रों को स्थानीय समुदायों के साथ जुड़ने और उनसे सीखने का आग्रह किया. उन्होंने इस यात्रा को आत्म-खोज और अंतर-सांस्कृतिक शिक्षा का महत्वपूर्ण अवसर बताया.
फ्लैग ऑफ कार्यक्रम की मुख्य अतिथि और कांस्य पदक विजेता नंदिनी अगासरा ने इस पहल के प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम युवाओं को भारत की विविध विरासत की गहरी समझ और राष्ट्र निर्माण में योगदान की प्रेरणा देता है..
सहायक नोडल अधिकारी, मेराज अहमद ने युवा संगम कार्यक्रम की विविधताओं पर प्रकाश डालते हुए इसे छात्रों के लिए सांस्कृतिक और शैक्षिक रूप से समृद्ध अनुभव बताया.तेलंगाना के छात्रों की यह यात्रा न केवल एक क्षेत्रीय आदान-प्रदान है, बल्कि यह भारतीय युवाओं को एकीकृत करने और एकजुट भारत के निर्माण में योगदान देने का अवसर भी प्रदान करती है.