आवाज द वाॅयस / हैदराबाद
शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय को उर्दू भाषा में उच्च शिक्षा की पाठ्यपुस्तकें तैयार करने की एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. यह परियोजना वास्तव में हमारे लिए और पूरे उर्दू समुदाय के लिए गर्व की बात है. प्रो. इश्तियाक अहमद, रजिस्ट्रार ने दो दिवसीय लेखक कार्यशाला के समापन के दौरान अध्यक्षीय भाषण देते हुए ये विचार व्यक्त किए.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भारतीय भाषा समिति (बीबीएस) के माध्यम से अपनी पहल में 22 भारतीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें तैयार करने की परियोजना शुरू की है. उर्दू भाषा के लिए MANUU को नोडल विश्वविद्यालय नियुक्त किया गया है.
प्रो. इश्तियाक अहमद ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रो. सैयद ऐनुल हसन, कुलपति, जो राष्ट्रीय स्तर पर उर्दू के लिए नोडल अधिकारी भी हैं, के मार्गदर्शन में MANUU परियोजना को सफलतापूर्वक लागू करके शानदार परिणाम हासिल करेगा.
बीबीएस उर्दू के समन्वयक प्रो. एम.के.एम. जफर ने कार्यशाला के बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की और कहा कि इस अभ्यास ने प्रतिभागियों के दृष्टिकोण और दृष्टिकोण को स्पष्ट करने में मदद की है. प्रो. गुरपाल सिंह, (बीबीएस नोडल अधिकारी, पंजाब सेंट्रल यूनिवर्सिटी), प्रो. सलमा अहमद फारूकी, निदेशक, डेक्कन स्टडीज और प्रो. एम. वनजा, डीन, स्कूल ऑफ एजुकेशन ने भी संबोधित किया. प्रतिभागियों के बीच प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए. डॉ. असलम परवेज ने कार्यवाही का संचालन किया. डॉ. सालेह अमीन ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा.