लीमा (पेरू)
भारत के निशानेबाजों ने आईएसएसएफ विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो रजत पदक अपने नाम किए. रूद्रांक्ष पाटिल और आर्या बोरसे की जोड़ी ने 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम स्पर्धा में रजत पदक जीता, जबकि अर्जुन बाबुता पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक से मामूली अंतर से चूकते हुए रजत पदक हासिल करने में सफल रहे.
रूद्रांक्ष और आर्या की भारतीय जोड़ी को फाइनल में नार्वे के जोन हरमान हेग और जीनेटे हेग ड्यूस्टैड की जोड़ी से 11-17 से हार का सामना करना पड़ा.दूसरी ओर, अर्जुन बाबुता का मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। पेरिस ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहे बाबुता ने फाइनल में 252.3 अंक बनाए, लेकिन वह चीन के मौजूदा ओलंपिक चैंपियन शेंग लिहाओ से केवल 0.1 अंक से पीछे रह गए। शेंग ने 252.4 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता.
हंगरी के अनुभवी निशानेबाज इस्तवान पेनी ने 229.8 अंक लेकर कांस्य पदक पर कब्जा किया.फाइनल में दुनियाभर के कई दिग्गज निशानेबाज शामिल थे, जिनमें विश्व चैंपियन स्वीडन के विक्टर लिंडग्रेन, नार्वे के जॉन-हरमन हेग और भारत के रूद्रांक्ष पाटिल शामिल रहे.
रूद्रांक्ष पाटिल इस फाइनल में दुर्भाग्यपूर्ण तकनीकी गड़बड़ी का शिकार हुए. उन्हें अपना 11वां शॉट नहीं लेने दिया गया, जिससे उन्हें शुरुआती एलिमिनेशन चरण में ही बाहर होना पड़ा और वह आठवें स्थान पर रहे.
फाइनल की शुरुआत में बाबुता और पाटिल दोनों ने 10.1 अंक के साथ अच्छी शुरुआत की थी. पाटिल ने पिछली विश्व कप प्रतियोगिता (ब्यूनस आयर्स) में स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन इस बार किस्मत ने साथ नहीं दिया.
पाटिल के बाहर होने के बावजूद बाबुता ने संयम बनाए रखा और 14वें शॉट के बाद बढ़त ले ली थी. हालांकि, शेंग ने शानदार वापसी करते हुए 10.9 का परफेक्ट स्कोर दागा और अंतिम शॉट में 10.3 अंक हासिल कर स्वर्ण पदक पक्का कर लिया. बाबुता का अंतिम शॉट 10.5 रहा, जो जीत के लिए पर्याप्त नहीं था.
क्वालिफिकेशन राउंड में बाबुता ने 631.9 अंकों का शानदार स्कोर बनाया था, जबकि शेंग ने 635.0 अंकों के साथ शीर्ष स्थान पर क्वालिफाई किया. रूद्रांक्ष पाटिल ने 632.0 अंकों के साथ अपने ग्रुप में पहला स्थान पाया और कुल मिलाकर तीसरे स्थान पर रहे.
भारत के हृदय हजारिका 629.3 अंकों के साथ 10वें स्थान पर रहे और फाइनल में प्रवेश से चूक गए.