यूनुस अलवी / नूंह ( मेवात / हरियाणा )
नीति आयोग के देश के पिछड़े जिलों की सूची में सबसे उपर नूंह जिला इनदिनों एक युवक की वजह से सुर्खियों में है. इसके एक छोटे से गांव शिकरावा के साजिद हुसैन ने बड़ा कारनामा अंजाम दिया है.अपनी मेहनत, लगन से वह दुनिया की सबसे बड़ी और लग्जरी कार निर्माता कंपनी जगुआर लैंडरोवर लंदन के लीड इंजीनियर बने हैं.
साजिद हुसैन की इस सफलता से सारे नूंह ही नहीं हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सीमावर्ती इलाकों में फैले मेव मुस्लिम बहुल मेवात के लोगों में खुशी की लहर है.एक उल्लेखनीय बात यह भी है कि जगुआर लैंडरोवर कंपनी में साजिद हुसैन का मुख्य काम ‘फ्यूचर जगुआर लैंडरोवर कार’ के महत्वपूर्ण हिस्से एक्सटीरियर ग्लेजिंग्स (ग्लासेस) और मिरर्स को डिजाइन एंड डेवलपमेंट करना है.
साजिद हुसैन न केवल मेवात और हरियाणा, बल्कि पूरे दिल्ली-एनसीआर के ऐसे पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने जगुआर लैंडरोवर कंपनी में अपनी आला मुकाम बनाया है. इस फेहरिस्त में अभी तक सिर्फ केरल और तमिलनाडु के कुछ लोग ही जगुआर लैंडरोवर कंपनी में यह मुकाम हासिल कर पाए हैं.
साजिद हुसैन इससे पहले भारत की नंबर 1 कंपनी टीसीएस में लगभग 2 साल ( 2021 से 2023) तक रहे. उससे पहले महिंद्रा एंड महिंद्रा, चेन्नई में 8 सालों ( 2013 से 2021) तक काम किया.साजिद हुसैन महिंद्रा एंड महिंद्रा चेन्नई की सबसे बड़ी एसयूवी कार 700 एवं 300 के डिजाइन का हिस्सा रहे हैं.
इस दौरान उन्होंने इन गाड़ियों के 50 से भी ज्यादा पार्ट्स जैसे एक्सटीरियर ग्लास, सील्स, वाटरशील्ड, प्लास्टिक - रबर पार्ट्स आदि डिजाइन किए.साजिद हुसैन के अनुसार, पिछले आठ साल से वो चेन्नई में अपने परिवार के साथ रह रहे थे. मगर उनके जगुआर लैंडरोवर कंपनी ज्वाइन करते ही वो और परिवार लंदन शिफ्ट हो गए.
साजिद ने बताया-‘‘ उन्होंने आठवीं तक पढ़ाई शिकरावा गांव के बीबी फातिमा स्कूल से की. उसके बाद पिता आस खां ने उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए सोनीपत भेज दिया. फिर उन्हांेने बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की पढ़ाई फरीदाबाद के गांव धौज के अल फ्लाह इंजीनियरिंग कॉलेज से की. 2009 में डिग्री करने के बाद चार साल तक दिल्ली में नौकरी की. उसके बाद 2013 में महिंद्रा महिंद्रा कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर पद पर ज्वॉइन किया.’’
महिंद्रा में रहते हुए साजिद हुसैन 16 से ज्यादा अलग अलग अवार्डों से नवाजे गए, जिनमें एक्सीलेंस अवार्ड, इन्नोवेशन अवॉर्ड,फर्स्ट टाइम राइट डिजाइन, पेटेंट, एवं स्पॉट अवॉर्ड आदि शामिल है.साजिद हुसैन के पिता आस खां बिजली विभाग से कुछ साल पहले रिटायर हुए हैं. इनकी माता हाजरा बेगम गृहणी हैं.
इनके दो बड़े भाई हैं. इनमें से एक नासिर हुसैन दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं. उन्हें हाल में एक साल के अंदर 85 भगौड़े कैदियों को पकड़ने पर आऊट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला है. इस उपलब्धि के कारण ही वो हेडकॉन्स्टेबल से सब इंस्पेक्टर बनाए गए हैं. छोटे भाई इकबाल अहमद गांव में रहकर हरियाणा पुलिस की तैयारी कर रहे हैं.
साजिद हुसैन ने बताया-‘‘ उनके पिता आस खान और बड़े भाई नासिर हुसैन ने मुझे अपने लक्ष्य को हासिल करने में भरपूर मदद की. मोटिवेट किया. पढ़ाई के दौरान सारी सुविधाएं उपलब्ध कराईं.’’साजिद हुसैन के अनुसार, ‘‘ जब मेरे जैसा एक साधारण सा लड़का, जो गांव की गलियों में खेलते हुए आज इस मुकाम पर पहुंचा है तो मेवात के हर लड़के-लड़कियों में इतना टैलेंट है कि वो उससे भी बड़े मुकाम तक पहुंच सकते हैं.
सिर्फ लगन, जज्बा और लक्ष्य तक पहुंचने के लिए जिद्दी दिखाना होगा. घर में किसी चीज की कमी है तो उसे बहाना बनाकर अपने लक्ष्य को छोड़ना अपने सपने को मारना है.’’