IBAWWC2023 : साल की पहली बड़ी चुनौती का सामना करने को कड़ी मेहनत कर रही हैं निकहत जरीन
मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली
देश की राजधानी नई दिल्ली में दो दिन बाद शुरू हो रही महिला विश्व चैंपियनशिप के लिए अपने 50 किलो भार वर्ग में मिलने वाली कड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए निजामाबाद की मुक्केबाज निकहत जरीन कड़ी मेहनत कर रही हैं. यहां तक कि इस क्रम में उन्होंने अपनी पसंदीदा ‘हैदराबादी बिरयानी’ को भी कुछ समय के लिए दरकिनार कर दिया है.
मीडिया से बात करते हुए निकहत कहती हैं, ‘‘प्राथमिकता देश के लिए गोल्ड मेडल लाने की है. उसके बाद जो चाहे खा-पी सकती हैं.’’ इस साल निकहत पहली किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेंगी, इसलिए भी उनके लिए यह समय चुनौतियों भरा है.
बारह दिनों तक महिला मुक्केबाजों का जमघट
नई दिल्ली में 15 मार्च से शुरू हो रही आईबीएडब्ल्यूडब्ल्यूसी 2023 यानी महिला विश्व चैंपियनशिप 26 मार्च तक चलेगी. महिला मुक्केबाजों की इस शीर्ष प्रतियोगिता में दुनिया भर के 78 देशों की 350 से अधिक महिला मुक्केबाज भाग ले रही हैं.
भारतीय टीम में 12 भारतीय मुक्केबाज हैं, जिसमें निकहत जरीन भी भारतीय टीम का हिस्सा हैं. बीएफआई की मेजबानी में तीसरी बार आयोजित महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में सबकी निगाहें निकहत जरीन पर हैं. उम्मीद की जा रही है कि साल की पहली बड़ी प्रतियोगिता में वो देश की झोली में गोल्ड डालने में सफल हांेगी.
पिछले साल था जलवा, अब दबाव
पिछले साल उनका प्रदर्शन हर मोर्चे पर बेहतर रहा था. उन्होंने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स,इस्तांबुल वर्ल्ड चैंपियनशिप और बुलगारिया स्ट्रैंडजा बॉक्सिंग टूर्नामेंट में भारत को गोल्ड दिलाया था. इसके अलावा कौन बनेगा करोड़पति, द कपिल शर्मा शो सहित तमाम टीवी के बड़े शो में भी छाई रही थीं.
कई विज्ञापन फिल्मों में भी उन्हें देखा गया था. पिछले साल निकहत ने अपने करिश्मा से देश वासियों को जिस कदर प्रभावित किया , इस वजह से भी उनपर महिला विश्व मुक्केबाजी में बेहतर प्रदर्शन का दबाव बढ़ गया है.
अपनी तैयारी के सिलसिले में एक अंग्रेजी दैनिक से बातचीत में निकहत कहते हैं,‘‘ मैं खाने की बहुत शौकीन हूं. सबसे बड़ी बात यह है कि बिरयानी मेरी पसंदीदा डिश है. जब यह मेरे सामने होती है, तो खुद को रोक नहीं पाती हूं. मगर अभ्यास के चक्कर में फिलहाल सब कुछ छूटा हुआ है.’’
यहां से निकलेगा ओलंपिक का रास्ता
निकहत जरीन 50 किलोग्राम भार वर्ग में हिस्सा ले रही हैं. कड़े अभ्यास के दौरान उन्हें अपने 52 किग्रा का वजन कम कर 50 किग्रा (ओलंपिक वर्ग) में बदलना है. 26 वर्षीया महिला बाॅक्सर जरीन कहती हैं, ‘‘मुझे इन सबका त्याग करना पड़ा है. जैसा कि कहा जाता है, कुछ पाने के कुछ खोना पड़ता है. मेरा एकमात्र ध्यान अपने देश के लिए स्वर्ण जीतना है. मैं जीतने के बाद जो चाहूं खा सकती हूं.’’
वर्तमान विश्व चैंपियन निकहत को 2024 के ओलंपिक के लिए अपना वजन वर्ग बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा. वह 54 की जगह 50 किग्रा भार वर्ग में हिस्सा लेंगी.उन्होंने कहा, हां, मैं इस नए वजन वर्ग में खेल रही हूं. जहां शरीर का वजन बढ़ाना चुनौतीपूर्ण है, वहीं वजन कम करना भी कम मुश्किल नहीं होता.
राष्ट्रमंडल खेलों से पहले मुझे इस श्रेणी में अभ्यस्त होने का ज्यादा समय नहीं मिला. अब मैंने काफी मेहनत की है. वेट कम करने और इस क्लास में फिट होने के लिए स्ट्रगल करना पड़ा है.अब, मैं इस श्रेणी के लिए फिट हूं.’’
कड़ी चुनौती मिलेगी
वह मीडिया से बात करते हुए कहती हैं,अगर यह भारत में नहीं होता तो दबाव होता लेकिन चूंकि यह भारत में हो रहा है, आप घरेलू दर्शकों के कारण एक अलग स्तर का आत्मविश्वास प्राप्त करते है.जरीन ने कहा कि इसके बावजूद मुकाबला आसान नहीं होने वाला. भले ही टूर्नामेंट ओलंपिक क्वालीफायर नहीं है, लेकिन अधिकांश मुक्केबाज पेरिस 2024 के लिए खुद को साबित करने की कोशिश करेंगे.
निकहत जरीन के अनुसार,इस साल हर कोई ओलंपिक क्वालीफायर की तैयारी कर रहा है, इसलिए सभी मुक्केबाज कठिन होंगे. खासकर तुर्की, कोलंबिया, यूक्रेन और चीन के मुक्केबाज. फिर भी मैंने तैयारी अच्छी की है. मेरा केवल एक ही मकसद है कि अपना 100 प्रतिशत दूं और मुझे कोई पछतावा न हो.’’
वह कहती हैं उन्हें अपना खिताब भी बचाना है.’’ निकहत के अलावा इस चैंपियनशिप में नीतू घंघस,साक्षी चैधरी,प्रीति,मनीषा मौन,जैस्मीन लैंबोरिया,शशि चोपड़ा,मंजू बंबोरिया,सनामचा चानू,लवलीना,स्वीटी बूरा और नुपुर शेरोन भाग ले रही हैं. इस प्रतियोगिता में दुनिया के आठ ओलंपिक पदक विजेता भाग ले रही हैं. प्रतियोगिता में 20 करोड़ रूपये की इनाम राशि रखी गई है.
कुछ बातें निकहत जरीन के बारे में
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-जन्म 14 जून 1996 को तेलंगाना के निजामाबाद में हुआ
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-वह मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखती हैं
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-चार बेटियों में अपने परिवार में तीसरी हैं
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-पिता जमील अहमद सेल्सपर्सन रह चुके हैं
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- मां परवीन सुल्ताना गृहिणी हैं
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- दो बहनों के नाम अंजुम मिनाज और अफनान जरीन हैं
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- दोनों बड़ी बहनें डॉक्टर हैं
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- निकहत की छोटी बहन बैडमिंटन खिलाड़ी हैं
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-निकहत जरीन के चाचा समसुद्दीन के दो बेटे एतेशामुद्दीन और इतिशामुद्दनी भी राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज हैं
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-निकहत जब तेरह साल की थीं, मुक्केबाजी के खेल में शामिल हो गईं
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-निकहत ने शुरुआती दिनों में अपने चाचा के बेटों से प्रशिक्षण लिया
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-निकहत जरीन के पिता ने 15 साल तक सऊदी अरब में सेल्स असिस्टेंट के रूप में काम किया
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-फिर बेटियों की खेल और पढ़ाई में मदद करने के लिए भारत के निजामाबाद में शिफ्ट हो गए
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-निकहत जरीन ने स्कूली शिक्षा निजामाबाद स्थित निर्मला हृदय गर्ल्स हाई स्कूल में पूरी की
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- हैदराबाद के एवी कॉलेज से स्नातक किया
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-पिता मोहम्मद जमील अहमद ने बॉक्सिंग के शुरुआती चरणों में लगभग एक साल तक प्रशिक्षित किया
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-बेटी के शौक को देखते हुए पिता ने वर्ष 2009 में भारतीय खेल प्राधिकरण विशाखापत्तनम में आई. वी. राव से प्रशिक्षित के लिए भेजा
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-निकहत को वर्ष 2010 में इरोड नेशनल्स द्वारा ‘गोल्डन बेस्ट बॉक्सर’ से सम्मानित किया गया
मुक्केबाजी में निकहत जरीन का प्रदर्शन
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- 2011 में तुर्की में आयोजित एआईबीए महिला जूनियर और युवा विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में भाग लिया. तुर्की के अपने प्रतिद्वंद्वी उल्कु डेमिर को हराकर स्वर्ण पदक जीता.
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--2011 में उन्होंने यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप और एआईबीए महिला जूनियर में फ्लाईवेट वर्ग में स्वर्ण पदक प्राप्त किया.
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-2014 में यूथ बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप, बुल्गारिया में रजत पदक जीता.
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-उसी वर्ष तीसरे राष्ट्र कप में 51 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता.
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-2015 में 16वीं सीनियर वुमन नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता.
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- 2014 में बुल्गारिया में आयोजित यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता.
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- 2015 में अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट में भाग लिया और रूस से अपने प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज पाल्टसेवा एकातेरिना को हराकर स्वर्ण पदक जीता.
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-निकहत जरीन ने 2019 में बैंकॉक में आयोजित थाईलैंड ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में रजत पदक जीता.
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- उसी वर्ष सोफिया, बुल्गारिया में आयोजित स्ट्रैंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता
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--2020 में भारतीय एथलेटिक्स में उनके योगदान के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर और 10,000 रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
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-हैदराबाद में बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय ने 19 जून 2021 को उन्हें स्टाफ अधिकारी नियुक्त किया.
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-19 मई 2022 को निकहत जरीन ने इस्तांबुल, तुर्की में आयोजित महिला विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया. थाईलैंड के अपने प्रतिद्वंद्वी जीत पोंग जूता मास को हराकर 52 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता.
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-2022 में विश्व चैंपियनशिप जीतने के बाद निकहत जरीन भारत की शीर्ष पांच महिला मुक्केबाजों में अपना नाम जोड़ने में कामयाब रहीं. इस सूची में मैरी कॉम , लैशराम सरिता देवी, जेनी आरएल और लेख केसी का नाम शामिल है.