मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय में बोलीं डॉ. सीमा वर्मा, भारत में भाषाई विविधता है

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 20-09-2024
Dr. Seema Verma spoke at Maulana Azad National Urdu University, India has linguistic diversity
Dr. Seema Verma spoke at Maulana Azad National Urdu University, India has linguistic diversity

 

आवाज द वाॅयस / हैदराबाद

भारत सरकार के राजभाषा विभाग की सहायक निदेशक डाॅ सीमा वर्मा ने कहा कि भारत में भाषाई विविधता है, हमें विभिन्न भाषाओं का सम्मान करते हुए हिंदी के उत्थान को भी बढ़ावा देना चाहिए.

शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग, मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय द्वारा  "बहुभाषी युग में हिंदी का भविष्य" विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया.मुख्य वक्ता, डॉ. सीमा वर्मा ने कहा कि डिजिटल युग में भाषाओं के बदलने की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए हिंदी के विकास को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.

प्रो. सिद्दीकी मोहम्मद महमूद, ओएसडी, एमएएनयूयू ने विभिन्न स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व पर जोर देते हुए वैश्विक युग में हिंदी भाषा के उत्थान और विकास पर विस्तार से ध्यान आकर्षित किया. शिक्षा एवं प्रशिक्षण विद्यालय की डीन प्रो. एम. वनजा ने विद्यार्थियों को स्थानीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं के अतिरिक्त एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा का अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया.

उन्होंने प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षण पर जोर दिया. विश्वविद्यालय राजभाषा समिति के अध्यक्ष प्रो. नजमुल हसन ने हिंदी भाषा में कार्य करने के बारे में विस्तार से बताया तथा दैनिक कार्य में हिंदी भाषा के प्रयोग पर जोर दिया. हिंदी भाषा अधिकारी डॉ. शगुफ्ता परवीन ने विश्वविद्यालय में हिंदी के विकास, उत्थान, शिक्षण एवं प्रशिक्षण में हिंदी भाषा प्रकोष्ठ की भूमिका पर प्रकाश डाला.

 हिंदी विभाग के प्रो. पाटन रहीम खान ने हिंदी भाषा में रोजगार एवं भविष्य के बारे में विस्तृत व्याख्यान दिया. कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अश्वनी ने स्वागत भाषण दिया. विभागाध्यक्ष प्रो. शाहीन ए. शेख ने अपने संदेश में कहा कि विभिन्न भाषाओं के अध्ययन से विद्यार्थियों की बौद्धिक एवं मानसिक क्षमता का विकास होता है. कार्यक्रम का संचालन डॉ. जहांगीर आलम ने किया.

 धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शेख एहतेशामुद्दीन ने किया. आयोजन समिति के सदस्य डॉ. अश्वनी, डॉ. वी.एस. सुमी, डॉ. फिरदौस तबस्सुम, डॉ. रुबीना, श्री जहांगीर आलम, डॉ. शेख एहतेशामुद्दीन और डॉ. अफशां अब्दुलकरीम थे.

विभाग द्वारा "बहुभाषी युग में हिंदी की स्थिति" विषय पर हिंदी निबंध प्रतियोगिता और हिंदी कविता वाचन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. इस अवसर पर प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. हिंदी भाषा प्रकोष्ठ द्वारा हिंदी शिक्षण से संबंधित प्रशिक्षित कर्मचारियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया.