नई दिल्ली
रिपोर्ट के अनुसार, करीब 280 कंपनियों ने पीएम इंटर्नशिप स्कीम (पीएमआईएस) में हिस्सा लिया और 1.27 लाख इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए.
केंद्र ने अब इस योजना में कॉरपोरेट्स की भागीदारी के लिए ऑनबोर्डिंग विंडो बंद कर दी है, जो कॉरपोरेट्स के लिए अपनी इंटर्नशिप पेशकशों को पंजीकृत करने के लिए 3 अक्टूबर को खोली गई थी.
हालांकि, युवाओं के पंजीकरण के लिए 12 अक्टूबर को शुरू हुई विंडो नवंबर की शुरुआत तक खुली रहने की उम्मीद है.
इस योजना की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024 में पायलट पहल के लिए 800 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ की थी. यह अगले पांच वर्षों में करीब 10 मिलियन युवाओं को लाभान्वित करके युवा बेरोजगारी को दूर करेगी. यह युवाओं को उन कंपनियों से भी जोड़ेगी जो प्रतिभा की तलाश कर रही हैं.
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) द्वारा प्रशासित पीएमआईएस योजना पिछले तीन वित्तीय वर्षों में औसत सीएसआर खर्च के हिसाब से शीर्ष 500 कॉरपोरेट्स को भाग लेने की अनुमति देती है महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, लार्सन एंड टूब्रो, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, मारुति सुजुकी, टेक महिंद्रा, ओएनजीसी, बजाज फाइनेंस, आयशर मोटर्स, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, मुथूट फाइनेंस और जुबिलेंट फूडवर्क्स.
तेल, गैस और ऊर्जा; ऑटोमोटिव; यात्रा और आतिथ्य; बैंकिंग और वित्तीय सेवाएँ; और धातु और खनन ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ इंटर्नशिप के सबसे ज़्यादा अवसर हैं. इंटर्नशिप देने वाले अन्य प्रमुख क्षेत्र हैं विनिर्माण, औद्योगिक, बुनियादी ढाँचा और निर्माण, आईटी और सॉफ्टवेयर विकास, एफएमसीजी और दूरसंचार.
इंटर्नशिप के अवसर वर्तमान में 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 737 जिलों में उपलब्ध हैं.
चयनित युवा भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में एक वर्ष के लिए इंटर्नशिप के लिए पात्र होंगे और उन्हें 5,000 रुपये प्रति माह का भत्ता और एकमुश्त अनुदान के रूप में 6,000 रुपये भी मिलेंगे.
5,000 रुपये के वजीफे में से 500 रुपये कंपनियों द्वारा उनके कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) फंड के हिस्से के रूप में दिए जाएंगे, तथा शेष 4,500 रुपये सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे.