यूनुस अल्वी, मेवात/हरियाणा
पहले मेवात को पिछड़ा और अशिक्षित माना जा रहा है, लेकिन अब मेवात के बेटे और बेटियां अपनी काबिलियत से देश-विदेश में लोहा मनवा रहे हैं. ऐसे ही युवा में एक हैं शिफा जिन्होंने नेशनल इंस्टिट्यूट आफ साइंस एजूकेशन एण्ड रिसर्च (एन आई एस ई आर) की 2024 की परीक्षा में नेशनल जनरल केटेगरी में 1147 और ओबीसी में 31 रैंक हासिल कर बड़ा कारनामा किया है.
बता दे कि नूंह जिला के रहना गांव की शिफा पुत्री मुस्ताक अहमद ने 12 वीं सीबीएसई बोर्ड में 93.4 फीसदी अंक और नीट 2024 की परीक्षा में पहले प्रयास में 669 अंक हासिल कर जता दिया था कि उसकी उड़ान बहुत उंची है.
शिफा इस साल जहां भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आई आई एस ई आर) 2024 की परीक्षा में पूरे भारत में 1147 रैंक हासिल कर मेवात और अपने परिजनों का नाम रोशन किया.
इस परीक्षा में देश भर के करीब दो लाख बच्चों ने भाग लिया था. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एजूकेशन एण्ड रिसर्च के लिए केवल 200 बच्चों का सिलेक्शन होना है. शिफा का ओ बी सी के साथ साथ जनरल केटेगरी से भी सलेक्शन होना तेय है. यानी शिफा मेवात की पहली साइंटिस्ट बेटी बनने जा रही .
शिफा के पिता मुस्ताक अहमद का कहना है कि वह शुरू से होनहार लड़की है. बारहवीं में 95 फीसदी अंक हासिल किया. शिफा ने आई आई सी.ई, आर एवं एन. आई.एस.ई.आर जैसी कठोर परीक्षा पास कर परिवार, इलाके का नाम रोशन किया है.
ये बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा अब मेवात की बेटियां लड़को से आगे निकलकर हर फिल्ड में अपनी उपस्थिति दिखा रही है. शिफा ने गर्व से उन का सर ऊंचा कर दिया है. मेवात का नाम रोशन करने पर उनके अध्यापक गणों की भी विशेष शुक्रिया अदा करते है. .
शिफा का कहना है कि वह अपनी पढ़ाई का श्रेय अपने अध्यापकगणो व अपने माता-पिता को देना चाहंगी. खुदा का शुक है कि देश की बड़ी परीक्षाओं उसने कामयाबी हासिल की है. शिफा का कहना है कि वह पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे कलाम की तरह मेवात और देश का नाम रोशन करना चाहती है.
समाजसेवी आबिद दानी बास का कहना है कि शिफा मेरी भांजी है. बहुत होनहार लड़की है. शांत स्वभाव की शिक्षा के उज्जवल भविष्य की कामना करता है. सबसे बड़ी उपलब्धि जो दो साइंटिस्ट के शिफा मेवात की पहली साईटिस्ट की परीक्षा पास कर मेवात का गौरव बनी है.
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