आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ मनाया. पखवाड़े के दौरान परिसर के अंदर एवं बाहर सफाई, स्वच्छता तथा प्लास्टिक मुक्त जीवन के बारे में जागरूकता पैदा किया गया. विश्वविद्यालय अब 1 अक्टूबर तक ‘स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस)’ पखवाड़ा मना रहा है, जिसका विषय ‘स्वभाव स्वच्छता - संस्कार स्वच्छता’ है.
यह पहल 2 अक्टूबर, 2024 को स्वच्छ भारत दिवस से पहले की गई है और उसी दिन ‘स्वच्छता मेला’ भी आयोजित किया जाएगा. मीडिया के साथ विवरण साझा करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसे स्वच्छता ही सेवा अभियान के नोडल अधिकारी प्रोफ सिरजुद्दीन अहमद और सह-नोडल अधिकारी डॉ आबिद हुसैन और विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ अहमद अज़ीम ने संबोधित किया.
1 से 15 सितंबर तक स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान विश्वविद्यालय ने पखवाड़ा अभियान को सफल बनाने के लिए परिसर और आस-पास के इलाकों में कई गतिविधियों का आयोजन किया. परिसर और आस-पास के इलाकों में सफाई अभियान जैसी गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें कार्यवाहक कुलपति प्रो. मोहम्मद शकील, शिक्षक, गैर-शैक्षिक कर्मचारी, निवासियों और छात्रों ने श्रमदान करते हुए भाग लिया.
विश्वविद्यालय के भवन एवं निर्माण विभाग द्वारा शौचालयों की मरम्मत एवं नवीनीकरण किया गया. विश्वविद्यालय और जामिया के स्कूलों में जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए. स्थानीय हस्तियों जैसे कि एमसीडी पार्षदों और अल शिफा अस्पताल के निदेशक को स्वच्छता और सफाई के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए संलग्न किया गया.
यूनिवर्सल पीस फेडरेशन (यूपीएफ) के सहयोग से जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शांति क्लबों और एनएसएस इकाइयों द्वारा स्वच्छता संगोष्ठी का आयोजन किया गया. स्वच्छता यूनिट के सहयोग से ललित कला संकाय द्वारा ‘अपशिष्ट से निर्मित श्रेष्ठ वस्तु’ प्रदर्शनी का आयोजन किया गया.
इसके साथ विश्वविद्यालय द्वारा “हरित और स्वच्छ दिल्ली: सतत विकास के लिए चुनौतियां और संभावनाएं” विषय पर एक सम्मेलन भी आयोजित किया गया.परिसर और आस-पास के इलाकों में स्वच्छता रैलियां निकाली गईं, जिसमें सामूहिक स्वच्छता शपथ एवं हस्ताक्षर अभियान कार्यक्रम आयोजित किए गए.
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत उद्यान विभाग और अन्य विभागों द्वारा वृक्षारोपण अभियान चलाया गया. 10 जुलाई से अब तक परिसर में मियावाकी पद्धति से विभिन्न किस्मों के चार हजार से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं. आने वाले दिनों में एक हजार और पौधे लगाए जाएंगे.
इसके अतिरिक्त स्वच्छता थीम पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. सिंगल यूज प्लास्टिक को त्यागने का अभियान, स्वच्छता थीम पर एजेकेएमसीआरसी द्वारा नुक्कड़ नाटक भी विश्वविद्यालय में आयोजित किए गए.
कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आबिद हुसैन की देखरेख में एनएसएस इकाइयां, डॉ. अयूब खान और सैयद रजी नकवी की अध्यक्षता में स्वच्छता यूनिट , उद्यान विशेषज्ञ डॉ. भारत भूषण की देखरेख में बागवानी विभाग और समाज कार्य विभाग ने पखवाड़े को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
वेक्टर जनित रोग के नोडल अधिकारी डॉ. मोहम्मद अब्दुल्ला ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.‘स्वच्छता ही सेवा’ पखवाड़े के दौरान विश्वविद्यालय विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेगा. सफाई एवं स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए आस-पास के इलाकों में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचेगा.