कौन हैं वो बिशप जिनके भाषण पर भड़क गए ट्रंप

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 23-01-2025
Who is the bishop whose speech angered Trump?
Who is the bishop whose speech angered Trump?

 

वाशिंगटन

 वाशिंगटन की बिशप, मैरिएन एडगर बुडे का भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दुनिया भर के यूजर्स इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. उन्होंने यह भाषण वाशिंगटन नेशनल कैथेड्रल में डोनाल्ड ट्रंप की 'इनॉगरल प्रेयर सर्विस' के दौरान दिया और राष्ट्रपति से उन लोगों पर 'दया' करने अपील की, जो 'अब डरे हुए हैं', इनमें एलजीबीटीक्यू+ सदस्यों और आप्रवासी परिवार शामिल हैं.

मंगलवार को अपने 15 मिनट भाषण दौरान, बुडे ने सीधे ट्रंप को संबोधित किया, जो आगे की पंक्ति में पत्नी मेलानिया के साथ बैठे थे. उन्होंने कहा, "हमारे भगवान के नाम पर, मैं आपसे (ट्रंप) हमारे देश के उन लोगों पर दया करने के लिए कहती हूं जो अब डरे हुए हैं."

बुडे ने देश भर में 'डेमोक्रेटिक, रिपब्लिकन और स्वतंत्र परिवारों में समलैंगिक, लेस्बियन और ट्रांसजेंडर बच्चों' का उल्लेख किया 'जिन्हें अपने जीवन के लिए डर सता रहा है.'

बिशप ने अप्रवासी श्रमिकों के लिए भी आवाज उठाई, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिनके पास 'उचित दस्तावेज़ नहीं हैं.' उन्होंने कहा कि उनमें से अधिकांश 'अपराधी नहीं' बल्कि 'अच्छे पड़ोसी' हैं.

ट्रंप बिशप के भाषण से खासे नाराज हैं. उन्होंने बुडे से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है.राष्ट्रपति ने मंगलवार की सुबह ट्रुथ सोशल पर बिशप को 'कट्टरपंथी वामपंथी और ट्रंप विरोधी' बताया जो 'अपने चर्च को बहुत ही अप्रिय तरीके से राजनीति की दुनिया में ले आई.'

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिशप मैरिएन एडगर बुडे, न्यू जर्सी और कोलोराडो में पली-बढ़ी हैं. उन्होंने न्यूयॉर्क में रोचेस्टर विश्वविद्यालय से इतिहास में बीए की डिग्री ली। उनके पास वर्जीनिया थियोलॉजिकल सेमिनरी से मास्टर ऑफ डिविनिटी डिग्री (1989) और डॉक्टर ऑफ मिनिस्ट्री डिग्री (2008) भी है.

बुडे ने मिनियापोलिस, मिनेसोटा में सेंट जॉन्स एपिस्कोपल चर्च के रेक्टर के रूप में लगभग दो दशक (18 वर्ष) तक जिम्मेदारी निभाई.बिशप बुडे कोलंबिया जिले और चार मैरीलैंड काउंटियों में 86 एपिस्कोपल सभाओं और दस एपिस्कोपल स्कूलों के आध्यात्मिक नेता के रूप में कार्य करती हैं.

2011 में, वह वाशिंगटन के एपिस्कोपल डायोसीज की आध्यात्मिक नेता के रूप में सेवा करने वाली पहली महिला बनीं, जो नेशनल कैथेड्रल की जिम्मेदारी संभालती हैं.वह प्रोटेस्टेंट एपिस्कोपल कैथेड्रल फाउंडेशन की अध्यक्ष भी हैं, जो वाशिंगटन नेशनल कैथेड्रल और उसके स्कूलों के मिनिस्ट्री की देखरेख करता है.

65 वर्षीय बुडे को बंदूक हिंसा की रोकथाम, नस्लीय समानता, आव्रजन सुधार, एलजीबीटीक्यू+व्यक्तियों के अधिकारों और पर्यावरण देखभाल जैसे मुद्दों पर उनकी वकालत के लिए जाना जाता है.बुडे विवाहित हैं और उनके दो बेटे हैं. उनके पोते-पोतियां भी हैं.