अबू धाबी. अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर ने संयुक्त अरब अमीरात के सामुदायिक वर्ष के साथ अपनी पहली वर्षगांठ मनाई. इस अवसर पर संयुक्त अरब अमीरात लीडरशीप, गणमान्य व्यक्ति, धार्मिक नेता और हजारों श्रद्धालु भी मौजूद रहे.
यूएई के मंत्री शेख नाहयान मुबारक अल नाहयान कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पुर्तगाल से विशेष तौर पर आए.
इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति न्यायालय में विशेष मामलों के सलाहकार शेख मोहम्मद बिन हमद बिन तहनून अल नाहयान और 450 गणमान्य व्यक्ति, राजदूत और सरकारी अधिकारी भी शामिल हुए.
इसके अलावा, शाही परिवार के 20 से अधिक सदस्य, मंत्री और यूएई नेतृत्व के साथ-साथ 300 सामुदायिक नेता भी शामिल हुए. मंदिर ने 13,000 से अधिक विजिटर्स का स्वागत किया, जिसमें से 2,000 विशेष समारोह के लिए इकट्ठा हुए थे.
इस कार्यक्रम की थीम “मंदिर: समुदाय का हृदय” था, जिसकी शुरुआत रविवार शाम 4:30 बजे हुई.
इस कार्यक्रम में मौजूद लोगों में भारत के संयुक्त अरब अमीरात में राजदूत संजय सुधीर, सामुदायिक विकास विभाग के अध्यक्ष डॉ. मुगीर खामिस अल खैली और अबू धाबी पुलिस के कमांडर-इन-चीफ जनरल अहमद सैफ बिन जैतून अल मुहैरी शामिल थे.
संयुक्त अरब अमीरात और दुनियाभर के प्रभावशाली लोगों ने मंदिर की भूमिका को धार्मिक, सामाजिक और सेवा के क्षेत्र में मान्यता दी.
इस कार्यक्रम की शुरुआत मंदिर की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाले एक साल के वीडियो के साथ हुई. शेख नाहयान मुबारक अल नाहयान ने सभा को संबोधित करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में मंदिर की भूमिका पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि यह एक सुंदर मंदिर है, जो समुदाय को एक साथ ला रहा है.
राजदूत संजय सुधीर ने भारत-यूएई संबंधों में मंदिर के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे भारत और यूएई की दोस्ती का प्रतीक बताया.
वहीं, एक प्रमुख बोहरा मुस्लिम व्यवसायी मुफद्दल अली ने कहा कि कैसे मंदिर की समावेशिता ने उन्हें क्षेत्र की सबसे बड़ी 3डी-प्रिंटेड दीवार दान करने के लिए प्रेरित किया.
स्वामी ब्रह्मविहारीदास ने मंदिर के प्रभाव पर प्रकाश डाला. साथ ही उन्होंने यूएई लीडरशीप, स्वयंसेवकों और दानदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया.
बता दें कि पिछले एक साल में 2.2 मिलियन विजिटर्स का मंदिर में स्वागत किया गया है. इसके अलावा 1.3 मिलियन लोगों को निःशुल्क भोजन परोसा गया है. साथ ही 1,000 अनुष्ठान और 20 शादियों का भी आयोजन किया गया है.
उन्होंने कहा, "जीवन में सब कुछ हासिल करने के बाद भी कोई व्यक्ति कुछ और गहराई की तलाश कर सकता है. मंदिर आंतरिक खुशी प्रदान करता है."