अबू धाबी. भारत और यूएई के बीच संयुक्त रक्षा सहयोग समिति (जेडीसीसी) की 12वीं बैठक 9 जुलाई को अबू धाबी में आयोजित की गई. रक्षा मंत्रालय के एक प्रेस बयान के अनुसार, बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए सहयोग के व्यापक अवसरों पर चर्चा की. प्रशिक्षण, संयुक्त सैन्य अभ्यास, रक्षा औद्योगिक सहयोग, विषय वस्तु विशेषज्ञों का आदान-प्रदान, अनुसंधान एवं विकास आदि जैसे क्षेत्रों में विस्तृत चर्चा हुई.
दोनों पक्षों ने समुद्री सुरक्षा सहित क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर विचार-विमर्श किया और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया. एक-दूसरे के अनुभव और ज्ञान से लाभ उठाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में यात्राओं का आदान-प्रदान करने पर भी चर्चा की गई. विशिष्ट क्षेत्रों में प्रशिक्षण के अवसरों के पारस्परिक आदान-प्रदान पर भी सहमति बनी.
संयुक्त सचिव अमिताभ प्रसाद के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में रक्षा मंत्रालय, सशस्त्र बलों और अबू धाबी में भारतीय दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. बैठक की सह-अध्यक्षता यूएई की ओर से ब्रिगेडियर जनरल स्टाफ जमाल इब्राहिम मोहम्मद अलमाजरूकी ने की. यात्रा के दौरान, संयुक्त सचिव अमिताभ प्रसाद ने यूएई के रक्षा मंत्रालय के सहायक अवर सचिव अली अब्दुल्ला अल अहमद से मुलाकात की और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा की. उन्होंने तवाजुन आर्थिक परिषद के सीईओ के साथ एक उपयोगी बैठक की.
जेडीसीसी के दौरान दोनों देशों की नौसेना और सेना के बीच स्टाफ वार्ता भी आयोजित की गई. सेवा विशिष्ट सहयोग पर विस्तार से चर्चा की गई. भारत-यूएई जेडीसीसी की स्थापना 2006 में हुई थी. तब से, 11 दौर की बैठकें हो चुकी हैं. 12वीं बैठक ने यूएई के साथ भारत के रक्षा और सुरक्षा संबंधों को और बढ़ाने का अवसर प्रदान किया, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी मजबूत हुई.
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