विदाई के वक्त तुर्की के लोगों की आंखों में आंसू थेः भारतीय सैन्य मेडिकल टीम

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 22-02-2023
विदाई के वक्त तुर्की के लोगों की आंखों में आंसू थेः भारतीय सैन्य मेडिकल टीम
विदाई के वक्त तुर्की के लोगों की आंखों में आंसू थेः भारतीय सैन्य मेडिकल टीम

 

नई दिल्ली. तुर्की के नागरिकों ने भारतीय सेना की एक चिकित्सा टीम को आंखों में आंसू, स्नेह और कृतज्ञता की गहरी भावना के साथ विदा किया. जब भारतीय सेना की यह टीम भूकंप में मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रदान करने के बाद तुर्किये से वापस लौट रही थी.

99-सदस्यीय टीम ने हाटे प्रांत के इस्केंडरन में पूरी तरह से सुसज्जित 30-बेड वाले फील्ड अस्पताल को सफलतापूर्वक स्थापित किया और चलाया. टीम के कुछ सदस्यों ने मीडिया से बातचीत की और अपने अनुभवों और चुनौतियों को साझा किया. उन्होंने ‘भाषा बाधा’ के बावजूद तुर्की के लोगों से मिले गर्मजोशी और सहयोग के बारे में बात की.

टीम के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘‘वे (तुर्की नागरिक) रो रहे थे, जब हम जा रहे थे. यह हमारे लिए भी काफी इमोशनल पल था. उन्होंने हमें धन्यवाद कहने के लिए गले लगाया, यह एक विनम्र अनुभव था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने जो देखा, वह दर्दनाक था. 6 फरवरी को बड़े पैमाने पर भूकंप और इसके बाद शक्तिशाली आफ्टरशॉक द्वारा छोड़े गए विनाश और विनाश के दृश्य थे.’’

60 पारा फील्ड अस्पताल की चिकित्सा टीम ने 7-19 फरवरी तक तुर्कीये में भूकंप प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान की. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने मंगलवार को कहा कि भूकंप प्रभावित तुर्किये को मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रदान करने के लिए बल को अपनी चिकित्सा टीम पर गर्व है, और इस बात पर जोर दिया कि कम समय में एक फील्ड अस्पताल का जुटना टीम की उत्कृष्ट परिचालन तैयारियों को दर्शाता है. उन्होंने यहां मेडिकल टीम के सदस्यों से बातचीत के बाद यह बात कही.

उन्होंने कहा कि फील्ड अस्पताल ने लगभग 3,600 लोगों का इलाज किया, कई बड़ी और छोटी सर्जरी की, जिसमें एक विच्छेदित और जीवन रक्षक सर्जरी भी शामिल थी. जनरल पांडे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अस्पताल को छह घंटे की एक छोटी सूचना पर जुटाया गया था और वे तुर्किये चले गए. और वे 8 फरवरी को अदाना हवाई क्षेत्र में उतरे और थोड़े समय के भीतर, भारतीय सेना की चिकित्सा टीम ने 30-बेड का फील्ड अस्पताल हाटे क्षेत्र के इस्केंडरुन में स्थापित किया.

6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप में दोनों देशों के विभिन्न हिस्सों में 40,000 से अधिक लोगों के मारे जाने के बाद तुर्की और सीरिया को सहायता प्रदान करने के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ शुरू किया था. मेडिकल टीम के एक अन्य सदस्य ने कहा कि तुर्की के कई लोग भारत से एक सहायता टीम के आने की जानकारी होने पर ‘हमें देखने और मिलने’ के लिए आए थे.

टीम के सदस्य ने याद करते हुए कहा, ‘‘एक व्यक्ति ने एक स्कूल में स्थापित किए गए फील्ड अस्पताल तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग से बहुत लंबी दूरी तय की थी, और उसने हमें बताया कि वह सिर्फ ‘हिंदुस्तान’ के लोगों से मिलने आया था.’’ उन्होंने मुस्कराते हुए बताया कि तुर्की के लोग भारत को ‘हिंदुस्तान’ कहते हैं.

यह पूछे जाने पर कि वे भाषा की बाधा को पार करने में कैसे कामयाब रहे, मेडिकल टीम के सदस्य ने कहा, ‘‘हमारी सहायता के लिए दुभाषिए थे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अंग्रेजी भाषा के शिक्षकों ने भी तुर्की नागरिकों के साथ बातचीत करने में हमारी मदद की.’’

भूकंप के बाद भारत ने तुर्की में राहत सामग्री के साथ-साथ चिकित्सा और बचाव दल भेजे. भूकंप सहायता के हिस्से के रूप में, भारत ने सीरिया को राहत सामग्री और दवाएं भी भेजीं. रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि भारतीय आपदा राहत दल, जिसमें भारतीय सेना फील्ड अस्पताल और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 99 कर्मी शामिल हैं, चिकित्सा प्रदान करने के लिए ष्शानदार प्रयासष् करने के बाद 20 फरवरी को स्वदेश लौट आए.

 

 

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