सूडानी सेना प्रमुख अब्देल फत्ताह ने खारिज किए अमेरिकी प्रतिबंध, कहा- बाहरी दबावों के आगे नहीं झुकेंगे

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 17-01-2025
Sudanese army chief Abdel Fattah rejects US sanctions, says will not succumb to external pressures
Sudanese army chief Abdel Fattah rejects US sanctions, says will not succumb to external pressures

 

खार्तूम. सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) के कमांडर अब्देल फत्ताह अल-बुरहान ने बाहरी दबावों के बावजूद अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के खिलाफ लड़ाई जारी रखने और दुश्मन को हराने की बात कही.

सूडान की संक्रमणकालीन संप्रभु परिषद के अध्यक्ष ने गुरुवार को मध्य सूडान के गेजिरा राज्य की राजधानी वाड मदनी में नागरिकों और सैनिकों की भीड़ को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की.

11 जनवरी को, एसएएफ ने वाड मदनी पर फिर से कब्जा कर लिया. सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक आरएसएफ का एक साल से अधिक समय तक इस शहर पर नियंत्रण रहा था.

बुरहान ने दावा किया कि सशस्त्र सेनाएं विद्रोही मिलिशिया को हरा देंगी और उनका देश बाहरी दबावों के आगे नहीं झुकेगा. उन्होंने मुख्य रूप से अमेरिका की ओर से लगाए गए नए प्रतिबंधों का हवाला दिया.

इससे पहले वाशिंगटन ने अल-बुरहान पर उनकी सेना की तरफ से नागरिकों के खिलाफ 'घातक हमलों' के लिए प्रतिबंध लगा दिए थे. इससे कुछ दिन पहले ही आरएसएफ के कमांडर मोहम्मद हमदान दागालो पर भी प्रतिबंध लगाए गए थे. दागालो के ग्रुप पर अमेरिका ने सूडान के दारफुर क्षेत्र में 'नरसंहार' करने का आरोप लगाया था.

एसएएफ ने सोमवार को, अर्धसैनिक बल आरएसएफ पर सूडान के उत्तरी राज्य में मेरोवे बांध को निशाना बनाकर ड्रोन हमले करने का आरोप लगाया, जिसके कारण व्यापक बिजली आपूर्ति बाधित हुई.

एसएएफ की 19वीं इन्फैंट्री डिवीजन ने एक बयान में कहा, "सैन्य स्थलों और देश की विकास परियोजनाओं को निशाना बनाने के अपने व्यवस्थित अभियान के हिस्से के रूप में आरएसएफ मिलिशिया ने कई ड्रोनों के साथ मेरोवे डैम जलविद्युत संयंत्र को निशाना बनाया."

बयान में कहा गया, "जमीन पर मौजूद विमान रोधी हथियारों ने हमले को नाकाम कर दिया." हालांकि उन्होंने कहा कि इससे 'कुछ नुकसान" हुआ, लेकिन इस बारे में और जानकारी नहीं दी गई.

नील नदी पर बना मेरोवे बांध, सूडान की राजधानी खार्तूम से लगभग 350 किमी उत्तर में स्थित है, और यह अफ्रीका की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं में से एक है.

अंतरराष्ट्रीय संगठनों के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, सूडान अप्रैल 2023 के मध्य से एसएएफ और आरएसएफ के बीच विनाशकारी संघर्ष की चपेट में है, जिसमें कम से कम 29,683 लोगों की जान गई और लगभग 15 मिलियन लोग विस्थापित हुए.