आवाज द वाॅयस/ अबू धाबी
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने अबू धाबी स्थित बीएपीएस हिंदू मंदिर के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहारीदास का गर्मजोशी से स्वागत किया. यह जानकारी बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था द्वारा उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर साझा किए गए एक बयान में दी गई.
बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने शांति, सह-अस्तित्व और वैश्विक सद्भाव जैसे सार्वभौमिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार के महत्व को रेखांकित किया. बयान में कहा गया कि यूएई में सहिष्णुता समाज की मूलभूत पहचान है, जो 200 से अधिक राष्ट्रीयताओं का घर है और जहां विविध संस्कृतियां सुरक्षा, समृद्धि और सम्मान के साथ फल-फूल रही हैं.
संवाद और स्थिरता की दिशा में प्रयास
बयान के अनुसार, यह चर्चा इस बात का प्रतीक थी कि कैसे यूएई क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक संवाद और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के सेतु निर्माण में विश्वास रखता है.
आने वाले 50 वर्षों में यूएई अपनी भविष्य-केंद्रित सोच और सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता के साथ दुनिया के सबसे प्रमुख और आकर्षक देशों में अपनी स्थिति बनाए रखने के प्रयास जारी रखेगा.
‘कृतज्ञता का क्रिस्टल’ उपहार
स्वामी ब्रह्मविहारीदास ने इस अवसर पर यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की और मंदिर के निर्माण में मिले मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया.
उन्होंने एक विशेष ‘कृतज्ञता का क्रिस्टल उपहार’ भी भेंट किया। इसके साथ ही उन्होंने बीएपीएस के विभिन्न देशों में स्थापित होने वाले आगामी अंतर्राष्ट्रीय केंद्रों की योजनाएं साझा कीं.
प्रतिनिधिमंडल की भागीदारी और संदेश
बीएपीएस प्रतिनिधिमंडल में स्वामी अक्षरातीतदास, श्री अशोक कोटेचा और प्रणव देसाई भी शामिल थे. संस्था ने इस बात पर बल दिया कि अबू धाबी स्थित बीएपीएस हिंदू मंदिर, वैश्विक सद्भाव, सहिष्णुता और यूएई के समावेशी दृष्टिकोण का प्रतीक बन गया है.
यह बैठक यूएई और वैश्विक हिंदू समुदाय के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक बनी, जिसमें दोनों पक्षों ने सहिष्णुता, शांति और आपसी समझ के माहौल को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई.