जेद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने मंगलवार को जेद्दा में रणनीतिक साझेदारी परिषद की सह-अध्यक्षता की. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और सशक्त बनाना था. बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले की कठोर शब्दों में निंदा की..
इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे.. यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक माना जा रहा है.बैठक में दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र सहित दो नई मंत्रिस्तरीय समितियों के गठन पर सहमति जताई, साथ ही भारत में दो रिफाइनरी स्थापित करने के लिए सहयोग बढ़ाने का भी फैसला लिया.
इसके अतिरिक्त अंतरिक्ष, स्वास्थ्य, डोपिंग रोधी शिक्षा और संचार के क्षेत्र में चार समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए.मोदी की यह यात्रा दो दिवसीय थी, लेकिन कश्मीर हमले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने अपनी यात्रा समय से पहले समाप्त करने का निर्णय लिया और मंगलवार रात को ही भारत लौट आए। पहले उनका वापसी का कार्यक्रम बुधवार रात का था.
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने क्राउन प्रिंस के साथ निर्धारित बैठक में भाग लिया, लेकिन आधिकारिक रात्रिभोज में शामिल नहीं हुए. कश्मीर में हालात की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने तुरंत भारत लौटने का फैसला किया.
इससे पहले अल सलाम पैलेस में मोदी का भव्य स्वागत किया गया. सरकारी सऊदी प्रेस एजेंसी द्वारा साझा की गई तस्वीरों में दोनों नेताओं को एक-दूसरे को गले लगाकर गर्मजोशी से अभिवादन करते हुए देखा गया.
बैठक की शुरुआत में ही क्राउन प्रिंस ने पहलगाम हमले पर गहरी संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ भारत को हरसंभव सहयोग देने की बात कही. सऊदी अरब में भारत के राजदूत सुहेल एजाज खान ने बताया कि यह मुद्दा बैठक की शुरुआत में ही प्रमुखता से उठा.
मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अंग्रेज़ी और अरबी दोनों में लिखा, “यह यात्रा भारत और सऊदी अरब के बीच मित्रता को और मज़बूत बनाएगी..” इस बीच, प्रधानमंत्री के विमान को सऊदी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते समय ‘रॉयल सऊदी एअरफोर्स’ के एफ-15 लड़ाकू विमानों ने विशेष सम्मान के तहत सुरक्षा प्रदान की.