अंकारा. तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने लेबनान से अपने नागरिकों को समुद्र या हवाई मार्ग से निकालने के लिए 'वैकल्पिक योजना' तैयार की है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, "लेबनान में सुरक्षा स्थिति और भी ज्यादा खराब होने की संभावना है."
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय का कॉल सेंटर उन नागरिकों से आवेदन स्वीकार कर रहा है जो संभावित निकासी में शामिल होना चाहते हैं.
मंत्रालय ने यह भी बताया कि तुर्की के माध्यम से अन्य देशों से नागरिकों को निकालने के संबंध में दिशा-निर्देश निर्धारित किए गए हैं. अब तक समर्थन मांगने वाले लगभग 20 देशों के लिए तैयारियां चल रही हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सेना ने मंगलवार को हमले की चेतावनी देते हुए लेबनान के नागरिकों से करीब 30 गांवों और कस्बों को खाली करने का आग्रह किया था. इससे पहले दावा किया था कि उसने रात में दक्षिणी लेबनान में जमीनी अभियान शुरू कर दिया है.
इजरायल की बचाव सेवाओं ने मंगलवार को बताया कि हिजबुल्लाह ने तेल अवीव और अन्य मध्य शहरों पर रॉकेट दागे.
रॉकेटों के कारण मध्य इजरायल और उत्तरी कब्जे वाले वेस्ट बैंक के कई बस्तियों में सायरन बजने लगे. मंगलवार सुबह कई अन्य रॉकेट ने उत्तरी इजरायल में ठिकानों को निशाना बनाया.
बता दें कि लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने हाल ही में कहा था कि उनका देश अपनी दक्षिणी सीमा पर इजरायल के साथ तनाव कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 1701 को लागू करने के लिए तैयार है. यह घोषणा इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम के लिए अंतरराष्ट्रीय अपील के जवाब में की गई थी.
2006 में पारित 'संकल्प 1701' के साथ इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच 33 दिनों तक चला युद्ध खत्म हुआ था. इसमें शत्रुता समाप्त करने और लेबनान से इजरायल की वापसी का आह्वान किया गया था. साथ ही इसमें लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) को मजबूत करने का जिक्र शामिल था ताकि लेबनानी सेना के साथ युद्ध विराम की निगरानी की जा सके.
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