सऊदी पर्यटन प्राधिकरण (एसटीए) की वेबसाइट पर जब प्रश्नोत्तर सेक्शन मे पूछा गया, ‘क्या एलजीबीटी आगंतुकों का सऊदी अरब में स्वागत है?’ तो कहा गया कि राज्य में सभी का स्वागत है.
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अक्सर पूछे जाने वाले सवालों में से एक का जवाब था, ‘‘सऊदी जाने के लिए हर किसी का स्वागत है, बशर्ते कि वे हमारी संस्कृति, परंपराओं और कानूनों का पालन करें और उनका सम्मान करें, जैसा कि आप दुनिया के किसी अन्य देश में जाने पर करते हैं.’’ अन्य सरकारों की तरह, हम आगंतुकों से व्यक्तिगत प्रश्न नहीं पूछते हैं और हम निजता के अधिकार का सम्मान करते हैं.
अपडेट का विवरण अभी भी स्पष्ट नहीं है. सीएनएन ने बताया कि 14 मार्च तक वेबसाइट के पुराने वर्जन में न तो सवाल था और न ही जवाब. हालाँकि, केवल समय ही कह सकता है कि एलजीबीटीक्यू समुदाय के सदस्य अरब देश की यात्रा करने के इच्छुक हैं, जहाँ सरकारी नियमों के अनुसार समलैंगिक गतिविधियाँ उन्हें अपना जीवन व्यतीत कर सकती हैं.
आउट ऑफ ऑफिस के सीईओ डैरेन बर्न के अनुसार, एलजीबीटीक्यूए ़ समुदाय के लिए एक लक्जरी यात्रा योजना सेवा सीएनएन द्वारा उद्धृत की गई थी, ‘‘अनुसंधान से पता चलता है कि वे विषमलैंगिक जोड़ों की तुलना में एक गंतव्य में अधिक पैसा खर्च करते हैं, और वर्ष में अधिक बार यात्रा करते हैं’’
‘‘लेकिन मेरी चिंता यह है कि गंतव्य में वास्तविकता क्या है. क्या वे कह रहे हैं कि एक समान-सेक्स युगल एक होटल में चेक-इन कर सकता है और बिना किसी मुद्दे के डबल बेड प्राप्त कर सकता है? मेरा मानना है कि यह वास्तविकता नहीं है.’’
सऊदी अरब की वेबसाइट पर नजर डालने से संकेत मिलता है कि देश अपने पर्यटन क्षेत्र का विस्तार करने का लक्ष्य बना रहा है. मानवाधिकार शोधकर्ता नोरा नोराला के अनुसार, सऊदी राजस्व उत्पन्न करने के लिए दुबई और कतर की नकल करने की कोशिश कर रहा है.
उन्होंने सीएनएन को बताया, ‘‘दुबई में, बहुत सारे समलैंगिक प्रभावित करने वाले हैं, और जब तक आप उस क्षेत्र के संदर्भ को समझते हैं जहां आप हैं और पारंपरिक संस्कृति का सम्मान करते हैं और किसी भी तरह से अपनी विचित्रता नहीं दिखाते हैं, तो आप ठीक हैं.’’
बर्न ने कहा कि एलजीबीटीक्यू ़समुदाय के लिए दरवाजे खोलने से उस मानसिकता को बदलने में मदद मिलेगी, जो लाखों वर्षों के धार्मिक पारंपरिक मूल्यों द्वारा शासित है. उन्होंने कहा, ‘‘गंतव्यों पर यात्रा और पर्यटकों के आने के बिना, मानसिकता कभी नहीं बदलेगी - जब तक वे ऐसा सुरक्षित रूप से कर सकते हैं, एलजीबीटीक्यू ़यात्री बाधाओं को तोड़ सकते हैं.’’