पाकिस्तान में बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की हो रिहाई, शांतिपूर्ण आंदोलनों का दमन रुके : यूएन एक्सपर्ट

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 27-03-2025
Mahrang Baloch
Mahrang Baloch

 

जिनेवा. संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने बुधवार को पाकिस्तान से अपील की कि वह बलूचिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को रिहा करे और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों पर होने वाला दमन रोकें.

मानवाधिकार विशेषज्ञों ने बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) के नेताओं महरंग बलूच, सम्मी दीन बलूच और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के कारण गिरफ्तार किए गए अन्य मानवाधिकार रक्षकों की स्थिति को लेकर चिंता जताई. उन्होंने बलूच समुदाय के अधिकारों की रक्षा करने वाले नेटवर्क बीवाईसी के खिलाफ पाकिस्तान पुलिस की बढ़ती जा रही क्रूर कार्रवाइयों पर ध्यान दिलाया.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में विशेषज्ञों ने कहा कि 11 मार्च को बलूच अलगाववादियों के एक यात्री ट्रेन पर हमले के बाद पाकिस्तान ने कार्रवाई तेज कर दी. बीवाईसी के कई प्रमुख बलूच मानवाधिकार रक्षकों को कथित तौर पर पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक विभाग ने गिरफ्तार कर लिया या गायब कर दिया.

विशेषज्ञों ने कहा, "हम पिछले कुछ महीनों से बलूच कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी और गायब होने की बढ़ती रिपोर्ट्स पर चिंतित हैं. हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं ने हमारी चिंताओं को और बढ़ा दिया है."

21 मार्च को क्वेटा पुलिस ने बलूचिस्तान विश्वविद्यालय के सामने शांतिपूर्ण बीवाईसी विरोध प्रदर्शन पर बल प्रयोग किया. प्रदर्शनकारी उन कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग कर रहे थे जो गिरफ्तार या गायब कर दिए गए.

रिपोर्ट्स के अनुसार, तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि कई लोग घायल हो गए और दर्जनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.

इस घटना के बाद बीवाईसी ने, 21 मार्च को पुलिस कार्रवाई में मारे गए लोगों के शवों के साथ पुलिस हिंसा का विरोध करने के लिए एक धरना आयोजित किया. इसमें महिला मानवाधिकार रक्षक और बीवाईसी की नेता महरंग बलूच भी शामिल थीं.

22 मार्च की सुबह, क्वेटा के सरियाब रोड पर इस प्रदर्शन पर पुलिस ने बल प्रयोग किया और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठियां और आंसू गैस का इस्तेमाल किया.

महरंग बलूच समेत कई बीवाईसी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया. महरंग का ठिकाना करीब 12 घंटे तक अज्ञात रहा और उन्हें कथित तौर पर अपने परिवार से मिलने या कानूनी सलाह लेने की अनुमति नहीं दी गई. महरंग और अन्य बीवाईसी सदस्यों पर कथित तौर पर आतंकवाद विरोधी कानून के तहत आरोप लगाए गए हैं.