आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली/वाशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर व्यापक टैरिफ लागू करने की घोषणा के कुछ घंटों बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रम्प के बीच वाशिंगटन में द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई.इस बैठक में व्यापार, रक्षा और आव्रजन के मुद्दे प्रमुख चर्चा के केंद्र में रहे.दोनों नेताओं के बीच यह बैठक राष्ट्रपति ट्रम्प के पद संभालने के पहले महीने के भीतर हुई, और इसमें कई अहम घोषणाएं और समझौतों पर चर्चा हुई.
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में वृद्धि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा द्विपक्षीय व्यापार रहा.दोनों नेताओं ने मिलकर भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को 2030 तक 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया.पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत अमेरिकी तेल और गैस के अधिक आयात के लिए तैयार है, ताकि व्यापार घाटे को कम किया जा सके.
ट्रम्प ने भारत द्वारा अमेरिकी मोटरसाइकिल, धातु और तकनीकी उत्पादों पर टैरिफ कम करने के कदम का स्वागत किया.यह कदम व्यापार संबंधों को प्रगति की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है.दोनों नेताओं के बीच टैरिफ पर चर्चा के बावजूद, मुलाकात में सौहार्द और गर्मजोशी का माहौल बना रहा, और दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाकर अपनी साझेदारी की सराहना की.
तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण और एफ-35 जेट सौदा
बैठक के दौरान, एक अहम मुद्दा था 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा का भारत को प्रत्यर्पण.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यह घोषणा की कि उनके प्रशासन ने राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है ताकि वह भारत में न्याय का सामना कर सके.यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है, क्योंकि राणा की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की लंबे समय से मांग की जा रही थी.
इसके अलावा, रक्षा संबंधों को मजबूती देने के लिए अमेरिका ने भारत को एफ-35 जेट्स, जो पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ जेट्स हैं, प्रदान करने की बात की.ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका भारत को अरबों डॉलर के सैन्य सामान की बिक्री करेगा, जिससे दोनों देशों के रक्षा संबंध और मजबूत होंगे.इस सौदे के "प्रस्ताव चरण" में होने की जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दी.
नई रक्षा खरीद और सह-उत्पादन समझौते में 'जेवलिन' एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों और 'स्ट्राइकर' इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स के लिए एक नया समझौता शामिल है.
मोदी-ट्रम्प साझेदारी का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच "मेगा साझेदारी" को एक नई दिशा देने के लिए ट्रम्प के "MAGA" (अमेरिका को फिर से महान बनाएं) नारे में अपनी टिप्पणी जोड़ी.मोदी ने इसे एक कदम और बढ़ाते हुए कहा, "भारत में हम एक विकसित भारत की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसका अमेरिकी संदर्भ में अर्थ है MIGA (भारत को फिर से महान बनाना).जब अमेरिका और भारत साथ मिलकर काम करते हैं, तो यह MAGA और MIGA का सम्मिलित रूप समृद्धि के लिए एक 'मेगा' साझेदारी बन जाती है."
रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत का रुख
रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के शांति के पक्ष में खड़ा होने की बात की.मोदी ने कहा, "दुनिया सोचती है कि भारत तटस्थ है, लेकिन भारत तटस्थ नहीं है.भारत का अपना रुख है, यह शांति है." उन्होंने ट्रम्प के प्रयासों की सराहना की, जो इस संकट को कम करने के लिए किए जा रहे हैं.
बांग्लादेश संकट और अमेरिका द्वारा भारतीय नागरिकों का निर्वासन
बांग्लादेश संकट पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह मुद्दा भारत के लिए बेहद अहम है.अमेरिकी राष्ट्रपति ने बांग्लादेश के मामले में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताया.कहा कि वह इसे भारत पर छोड़ते हैं.इसके अलावा, अमेरिकी सरकार द्वारा 104 भारतीय नागरिकों को निर्वासित करने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने जोर दिया कि भारत अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे "सत्यापित" नागरिकों को वापस लेने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
संयुक्त प्रयासों का आह्वान
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प ने संयुक्त रूप से मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में और अधिक ठोस कदम उठाने का आह्वान किया.दोनों नेताओं ने इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए आपसी विश्वास और साझेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया.
भविष्य की दिशा: सहयोग और नवाचार
मोदी-ट्रम्प मुलाकात में यह भी तय किया गया कि दोनों देशों के बीच भविष्य में सहयोग को बढ़ाने के लिए नए क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा, जैसे कि रक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), सेमीकंडक्टर, ऊर्जा और अंतरिक्ष क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना.'ट्रस्ट' पहल की शुरुआत की घोषणा की गई, जो सरकारी, शैक्षिक और निजी क्षेत्र के बीच अधिक सहयोग को बढ़ावा देने का प्रयास करेगी.