पीएम मोदी की दो दिवसीय अमेरिका यात्रा, नई दिल्ली-वाशिंगटन रिश्तों को नया आयाम देने का अवसर

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 08-02-2025
Donald Trump and Narendra Modi
Donald Trump and Narendra Modi

 

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12और 13फरवरी को अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद पीएम मोदी की यह पहली अमेरिका यात्रा होगी. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस दौरे को भारत-अमेरिका संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताया.

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के आपसी हितों पर चर्चा के लिए बेहद मूल्यवान होगी. उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी उन पहले विश्व नेताओं में शामिल हैं जिन्हें ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका ने आमंत्रित किया है. यह भारत-अमेरिका साझेदारी की मजबूती को दर्शाता है.

यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ एक द्विपक्षीय बैठक करेंगे, जिसमें दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होगी. इसके अलावा, पीएम मोदी अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों, व्यापारिक नेताओं और भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात करेंगे.

विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच संबंध काफी मजबूत हुए हैं. यह यात्रा भारत-अमेरिका साझेदारी को और आगे बढ़ाने का एक प्रयास है. उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2017और 2019में [ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान] अमेरिका का दौरा किया था और ट्रंप के दोबारा चुने जाने के बाद उन्हें सबसे पहले बधाई देने वाले नेताओं में शामिल थे. प्रधानमंत्री ने ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद उन्हें फोन कर जल्द मुलाकात की इच्छा जताई थी, जो अब पूरी हो रही है.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पिछले महीने वाशिंगटन में राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था और वहां नए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की थी. इसके अलावा, उन्होंने अमेरिका के नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज से भी मुलाकात की, जो पहले अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य रह चुके हैं.

गुरुवार शाम को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के नए रक्षा सचिव पीट हेगसेथ के बीच भी पहली फोन वार्ता हुई. इस बातचीत में दोनों देशों ने रक्षा सहयोग को मजबूत करने और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति बनाए रखने पर चर्चा की.

अमेरिकी रक्षा विभाग ने इस वार्ता को लेकर एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि दोनों देशों ने रक्षा तकनीक और औद्योगिक सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है.

इसके अलावा, अमेरिका और भारत इस साल होने वाले 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद की तैयारियों और अगले 10 वर्षों के लिए रक्षा सहयोग के नए ढांचे को अंतिम रूप देने के लिए काम करेंगे.