पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान के चार तेल व्यापारियों का किया अपहरण

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 07-12-2024
Pakistani security forces abduct four Balochistan oil traders
Pakistani security forces abduct four Balochistan oil traders

 

बलूचिस्तान. पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने कथित तौर पर बलूचिस्तान के पंजगुर जिले में चार तेल व्यापारियों का अपहरण कर लिया है. बलूचिस्तान पोस्ट ने लापता व्यक्तियों की पहचान खलील सिद्दीकी, अब्दुल शकूर सालेह, अरशद रफीक और वसीम, मोहम्मद हाशिम के बेटे के रूप में की है, जिन्हें परूम तहसील से ले जाया गया था. स्थानीय स्रोतों के अनुसार, चारों व्यक्ति तेल व्यापार में मजदूर और ड्राइवर हैं, बलूचिस्तान पोस्ट ने बताया.

पास के कच्छ जिले में, तेल व्यापारियों को हाल ही में व्यापार टोकन जारी करने की आड़ में प्रोफाइलिंग का सामना करना पड़ा है. बलूच लोगों का तर्क है कि इन उपायों का इस्तेमाल व्यक्तियों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है, खासकर उन लोगों को जिनके रिश्तेदार या करीबी सहयोगी कथित तौर पर बलूच राष्ट्रवादी समूहों से जुड़े हैं, बलूचिस्तान पोस्ट ने बताया. लापता व्यक्तियों के परिवार और स्थानीय कार्यकर्ता उनकी तत्काल रिहाई की मांग कर रहे हैं, इन कार्यों की निंदा करते हुए उन्हें ‘अमानवीय’ बता रहे हैं.

बलूचिस्तान में जबरन गायब होना मानवाधिकारों का गंभीर मुद्दा बना हुआ है. बलूच राजनीतिक दल और अधिकार संगठन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों पर इसमें शामिल होने का आरोप लगाते हैं. जबकि सरकार आमतौर पर इन दावों का खंडन करती है या उन्हें कमतर आंकती है, पीड़ितों के परिवारों की गवाही और मानवाधिकार समूहों के साक्ष्य एक परेशान करने वाली तस्वीर पेश करते हैं. बलूच नेशनल मूवमेंट की मानवाधिकार शाखा पांक ने भी जबरन गायब होने की घटना की निंदा की है.

एक्स पर एक पोस्ट में पांक ने कहा, ‘‘पांक 6 दिसंबर, 2024 की रात को बलूचिस्तान के पंजगुर जिले के परूम तहसील में वसीम हाशिम, खलील सिद्दीकी, अर्शीद रफीक और अब्दुल शकूर सालेह के जबरन गायब होने की कड़ी निंदा करता है. इन व्यक्तियों को पाकिस्तानी बलों द्वारा जबरन उनके घरों से उठाया गया था, जो इस क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक और परेशान करने वाला उदाहरण है.’’

पांक ने आगे जोर देकर कहा कि जबरन गायब होना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का गंभीर उल्लंघन है, बलूचिस्तान पोस्ट ने रिपोर्ट किया. पीड़ितों को अक्सर गुप्त रूप से हिरासत में रखा जाता है, उनके परिवारों, कानूनी सलाहकार या किसी भी तरह की कानूनी प्रक्रिया तक उनकी पहुँच नहीं होती. ये कार्य नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय वाचा का उल्लंघन करते हैं, जिस पर पाकिस्तान हस्ताक्षरकर्ता है, साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा की सभी व्यक्तियों को जबरन गायब किए जाने से सुरक्षा देने की घोषणा का भी उल्लंघन करते हैं.