पाकिस्तान: युद्ध विराम विफल होने के बाद भड़की हिंसा, फायरिंग में कुर्रम डीसी घायल

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 04-01-2025
Pakistan: Violence erupts after ceasefire fails, Kurram DC injured in firing
Pakistan: Violence erupts after ceasefire fails, Kurram DC injured in firing

 

खैबर पख्तूनख्वा. कुर्रम के डिप्टी कमिश्नर जावेदउल्लाह महसूद को गोलीबारी की एक ताजा घटना में गोली लगी और वे घायल हो गए. क्षेत्र में शांति बहाल करने के उद्देश्य से संघर्ष विराम समझौते के बावजूद बागान क्षेत्र में हिंसा भड़क उठी.

द न्यूज इंटरनेशनल ने रिपोर्ट दी, जिले को स्थिर करने के लिए चल रहे प्रयासों के दौरान हुए इस हमले में महसूद घायल हो गए और उन्हें तुरंत चिकित्सा के लिए अस्पताल ले जाया गया. संकटग्रस्त क्षेत्र में चल रही हिंसा को समाप्त करने के उद्देश्य से शांति प्रक्रिया में उनकी भूमिका केंद्रीय रही थी.

यह हिंसा ऐसे समय में हुई है, जब अधिकारी 1 जनवरी को हस्ताक्षरित शांति समझौते के बाद पाराचिनार में एक बहुत जरूरी सहायता काफिला भेजने की तैयारी कर रहे थे. इस समझौते में संघर्ष में शामिल समूहों ने हिंसा को समाप्त करने और अधिकारियों को अपने हथियार सौंपने पर सहमति जताई.

आवश्यक आपूर्ति से भरा पहला काफिला आज ताल-पाराचिनार सड़क से होकर गुजरेगा, जो तीन महीने में सड़क से होकर गुजरने वाला पहला मार्ग है. जारी संघर्ष के कारण यह प्रमुख मार्ग बंद कर दिया गया था, और इसे फिर से खोलना कनेक्टिविटी को बहाल करने और लंबे समय से संघर्षरत क्षेत्र में सहायता पहुंचाने की सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है.

खैबर पख्तूनख्वा के मुख्य सचिव नदीम असलम चौधरी ने कहा कि स्थानीय निवासियों, आदिवासी बुजुर्गों और विभिन्न संप्रदायों और समुदायों के राजनीतिक नेताओं से बनी शांति समितियां सहायता काफिले की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगी. चौधरी ने जोर देकर कहा कि इन समितियों को न केवल काफिले की सुरक्षा करने का काम सौंपा गया है, बल्कि शांति समझौते की शर्तों को बनाए रखने का भी काम सौंपा गया है. उन्होंने कहा कि समितियां क्षेत्र में स्थिरता और सद्भाव बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण हैं.

सरकारी सूत्रों ने खुलासा किया कि स्थानीय निवासियों ने चरणबद्ध निरस्त्रीकरण योजना के तहत अगले 15 दिनों के भीतर अधिकारियों को अपने हथियार सौंपने की प्रतिबद्धता जताई है. सशस्त्र समूहों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले स्थानीय बंकरों को भी एक महीने के भीतर नष्ट कर दिए जाने की उम्मीद है, जिससे क्षेत्र में दीर्घकालिक शांति प्रयासों में और अधिक योगदान मिलेगा.