इस्लामाबाद. दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान में पुलिस ने शनिवार को कहा कि नागरिक और सुरक्षा बलों के वाहनों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में कम से कम छह लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए. यह घातक हमला बलूचिस्तान प्रांत के तुरबत शहर में हुआ, जो अपने प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों के लिए जाना जाता है.
बताया जाता है कि अधिकांश पीड़ित फ्रंटियर कॉर्प्स अर्धसैनिक बल के सदस्य थे. एफसी पाकिस्तान की सीमाओं की रक्षा करता है और आतंकवाद विरोधी अभियानों को संभालता है. प्रांतीय पुलिस की प्रवक्ता राबिया तारिक ने अंग्रेजी भाषा के डॉन अखबार से हताहतों की संख्या की पुष्टि की.
प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और घटनास्थल से फुटेज में दिखाया गया है कि जब विस्फोट हुआ, तो शहर से वाहनों का एक काफिला गुजर रहा था, जिसमें एक वाहन में आग लग गई.
क्षेत्र के एक पुलिस अधिकारी रोशन बलूच ने फोन पर वीओए को बताया कि सड़क किनारे खड़ी एक कार में विस्फोटक उपकरण छिपाकर रखा गया था और उसे दूर से ही विस्फोटित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि कई घायल लोगों को गंभीर हालत में स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
बलूच लिबरेशन आर्मी, एक अलगाववादी संगठन, ने तुरंत हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया कि उसके एक आत्मघाती हमलावर ने ही इस हमले को अंजाम दिया है. इस दावे की सत्यता का तुरंत पता नहीं लगाया जा सका.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बम विस्फोट की निंदा की और ष्बम विस्फोट में शहीद हुएष् लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की, उनके कार्यालय ने राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद में एक बयान में कहा.
पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत बलूचिस्तान, नियमित रूप से बीएलए और कई छोटे जातीय बलूच अलगाववादी समूहों द्वारा किए गए हमलों का सामना करता रहा है. विद्रोही अपने हिंसक अभियान को उचित ठहराते हुए कहते हैं कि वे पाकिस्तान से प्रांत की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे हैं.
इसके अलावा, उत्तर-पश्चिमी ख़ैबर पख़्तूनख्वा प्रांत के अधिकारियों ने अफगान सीमा पर घिरे कुर्रम जिले के रास्ते में एक सरकारी काफिले पर बंदूक से हमला होने की सूचना दी. हमले में घायल हुए कम से कम चार लोगों में जिला उपायुक्त भी शामिल था.
पीड़ित कुर्रम के सैकड़ों हजारों निवासियों को भोजन, ईंधन और दवा सहित आवश्यक आपूर्ति के वितरण की देखरेख करने के लिए जा रहे थे, जो भूमि विवाद के सिलसिले में भारी हथियारों से लैस शिया और सुन्नी मुस्लिम जनजातियों के बीच महीनों से हिंसक झड़पों का दृश्य रहा है.
हाल के महीनों में हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए और घायल हुए हैं. प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच नवीनतम झड़पों ने प्रांतीय सरकार को हफ्तों तक कुर्रम में आने-जाने वाली सभी सड़कों को बंद करने के लिए प्रेरित किया.
इस सप्ताह की शुरुआत में युद्धरत पक्षों के बीच हुए शांति समझौते ने जिले में आवश्यक आपूर्ति भेजने की उम्मीदें जगाई थीं, लेकिन शनिवार को हुए बंदूक हमले ने अधिकारियों को सहायता काफिले को रोकने के लिए मजबूर कर दिया. गोलीबारी की घटना के लिए किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है.
अफगानिस्तान की सीमा से लगे बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में पिछले वर्ष आतंकवादी हमलों में नाटकीय वृद्धि हुई है, जिसमें 1,600 से अधिक पाकिस्तानी नागरिक और सुरक्षा बल मारे गए हैं.