पाकिस्तान: एमक्यूएम ने बिलावल भुट्टो जरदारी पर कराची के व्यापारियों को धमकाने का आरोप लगाया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 31-01-2025
Bilawal Bhutto Zardari
Bilawal Bhutto Zardari

 

कराची. मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने गुरुवार को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी पर हाल ही में एक संबोधन के दौरान कराची के व्यापारिक समुदाय को धमकाने का आरोप लगाया. एमक्यूएम-पी के अधिकारियों ने मांग की कि अधिकारी शहर के व्यापारियों के लिए ‘खतरे’ के रूप में वर्णित इस बात पर ध्यान दें.

डॉन के अनुसार, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, एमक्यूएम-पी नेतृत्व ने कराची के व्यापारियों के लिए आयोजित लंच में बिलावल की टिप्पणियों पर नाराजगी व्यक्त की. पीपीपी अध्यक्ष ने व्यापारियों से कहा था कि उन्हें ‘अन्य मंचों’ से संपर्क करने के बजाय अपनी शिकायतों के साथ उनके पास आना चाहिए.

सभा को संबोधित करते हुए बिलावल ने अपनी पार्टी की सरकार के प्रदर्शन का बचाव भी किया और 2008 से पहले कराची की स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया, जब पीपीपी सत्ता में आई थी. हालांकि, एमक्यूएम-पी नेतृत्व, विशेष रूप से खालिद मकबूल सिद्दीकी ने बिलावल की टिप्पणियों को खुली धमकी के रूप में देखा. उन्होंने तर्क दिया कि पीपीपी अध्यक्ष के शब्द केवल एक सुझाव से अधिक थे. उन्होंने इसे व्यापारियों को किसी अन्य राजनीतिक गुट के बजाय पीपीपी का समर्थन करने के लिए धमकाने के प्रयास के रूप में देखा.

सिद्दीकी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एमक्यूएम-पी ने लोकतंत्र की खातिर सिंध सरकार की पक्षपातपूर्ण नीतियों को सहन किया था, लेकिन इस तरह की टिप्पणियां सीमा पार कर रही थीं. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 15 वर्षों से, एक तथाकथित कृत्रिम बहुमत वाली सरकार लोकतंत्र की आड़ में सिंध चला रही है.’’

सिद्दीकी ने आगे कहा कि एमक्यूएम-पी सिंध में शहरी क्षेत्रों के लिए एकमात्र प्रतिनिधि पार्टी है, जो कराची के लोगों के साथ हो रहे अन्याय का लगातार विरोध करती रही है. उन्होंने कहा कि शहरी आबादी की तरह ही व्यापारियों और उद्योगपतियों ने भी मौजूदा स्थिति पर लंबे समय से चिंता व्यक्त की है, उनका मानना है कि पीपीपी माफी मांगेगी और सुधारात्मक उपाय करेगी. हालांकि, उनकी शिकायतों को दूर करने के बजाय, पीपीपी ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया, एक ऐसा कदम जिसे एमक्यूएम-पी ने परेशान करने वाला पाया.

एमक्यूएम-पी के वरिष्ठ नेता मुस्तफा कमाल ने भी टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि पीपीपी की भाषा व्यापारियों के लिए एक सीधी धमकी है. उन्होंने अधिकारियों से हस्तक्षेप करने का आह्वान किया, इस बात पर जोर देते हुए कि एमक्यूएम-पी हमेशा कराची के व्यापारिक समुदाय के साथ खड़ा रहा है. कमाल ने कहा कि व्यापारियों ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख के समक्ष भी अपनी चिंताओं को उठाया था, एक ऐसा कदम जिसने पीपीपी के भीतर कुछ व्यक्तियों को नाराज कर दिया था.

एमक्यूएम-पी के एक अन्य वरिष्ठ नेता फारूक सत्तार ने पीपीपी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने सामंती मानसिकता के प्रभाव में सिंध को ‘गुलाम’ बनाने का काम किया है. उन्होंने तर्क दिया कि यह मानसिकता प्रांतीय शासन के हर स्तर पर फैल गई है, जिससे संस्थानों के कामकाज पर असर पड़ रहा है.

एमक्यूएम-पी ने 27वें संविधान संशोधन के कार्यान्वयन की अपनी मांग दोहराई, जिसके बारे में पार्टी का मानना है कि यह पाकिस्तान के भविष्य और इसकी शहरी आबादी, विशेषकर कराची के कल्याण के लिए आवश्यक है.