पाकिस्तान: मानवाधिकार कार्यकर्ता ने पीओजेके में राजनीतिक स्वायत्तता के ‘दमन’ की निंदा की

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 08-01-2025
Amjad Ayub Mirza
Amjad Ayub Mirza

 

ग्लासगो. मानवाधिकार कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) के चुनाव आयोग को भंग करने और इसकी सभी शक्तियों को पाकिस्तान के चुनाव आयोग को हस्तांतरित करने के पाकिस्तान के हालिया फैसले की कड़ी निंदा की है.

14 जनवरी से प्रभावी होने वाले इस कदम को मिर्जा ने घेरे हुए क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लोकतांत्रिक और राजनीतिक अधिकारों पर ‘प्रत्यक्ष और निर्लज्ज हमला’ बताया है.

मिर्जा ने बताया कि पीओजेके चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य सदस्यों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया है, जिससे यह क्षेत्र आगे राजनीतिक दमन के लिए असुरक्षित हो गया है. उन्होंने इस कार्रवाई को ‘कब्जे वाले क्षेत्र की संप्रभुता का उल्लंघन’ करार दिया और चेतावनी दी कि इस तरह के एकतरफा फैसले से ष्व्यापक प्रतिरोध भड़केगा, जो संभवतः पीओजेके में सार्वजनिक विरोध प्रदर्शनों के रूप में सामने आएगा.

अपने बयान में, मिर्जा ने इस मामले पर चुप्पी के लिए पीओजेके के प्रधानमंत्री चौधरी अनवर उल हक की भी आलोचना की. मिर्जा के अनुसार, इस फैसले के खिलाफ बोलने में हक की विफलता उनके अवसरवादी रुख को उजागर करती है. मिर्जा ने 5 जनवरी को एक सार्वजनिक संबोधन के दौरान हक की हालिया टिप्पणियों के लिए उन्हें ‘खतरनाक दुस्साहसी’ कहा, जहाँ उन्होंने कथित तौर पर घोषणा की कि उनकी सरकार ‘पीओजेके में जिहादी संस्कृति को बढ़ावा देगी.’ यह एक ऐसा बयान जिसने क्षेत्र में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता के बारे में चिंताओं को और बढ़ा दिया.

मिर्जा ने पाकिस्तानी राज्य की कार्रवाइयों की निंदा की, उस पर क्षेत्र में लोगों के अधिकारों की वकालत करने वाले एक राजनीतिक समूह, संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) के लिए चल रहे समर्थन को दबाने के लिए पीओजेके में एक प्रति-क्रांति को प्रायोजित करने का आरोप लगाया. 12 जनवरी को जम्मू कश्मीर मुस्लिम कॉन्फ्रेंस ने ‘पाकिस्तान में विलय’ एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए एक रैली की योजना बनाई, जिसमें 15,000 से 20,000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. मिर्जा का मानना है कि रैली और इसके आयोजन में राज्य की सक्रिय भागीदारी का उद्देश्य जेएएसी को डराना और पीओजेके में भय का माहौल बनाना है.

कार्यकर्ता ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से पीओजेके के लोगों की गरिमा और संप्रभुता की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया, इस बात पर जोर देते हुए कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस क्षेत्र में आगे राजनीतिक दमन और मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए.

लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के क्षरण और विवादित क्षेत्र में पाकिस्तान के सैन्य और राजनीतिक एजेंडे के बढ़ते प्रभाव के बारे में बढ़ती चिंताओं के साथ, पीओजेके में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.

मिर्जा की अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करने की अपील पीओजेके के लोगों के अधिकारों और आकांक्षाओं को संबोधित करने के लिए बार-बार आह्वान के बीच आई है, जो अभी भी ‘कब्जे’ में रह रहे हैं और उन्हें राजनीतिक स्वायत्तता से वंचित किया जा रहा है.