पाकिस्तान : सिंध प्रांत में बढ़ रही नाराजगी, सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 09-03-2025
Pakistan: Growing resentment in Sindh province, round of protests against the government continues
Pakistan: Growing resentment in Sindh province, round of protests against the government continues

 

कराची. पाकिस्तान के सिंध प्रांत में कई सरकारी परियोजनाओं को लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ रही है. हाल के दिनों में कई विरोध प्रदर्शन हुए हैं जिनमें लोगों ने जनविरोधी नीतियों और प्रांत के अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है. स्थानीय मीडिया के अनुसार, ये विरोध प्रदर्शन मुख्य रूप से कॉर्पोरेट खेती और सिंध में छह नई नहरों के निर्माण के विरोध में हुए.

'मेहनतकश औरत रैली' के नाम से मशहूर एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन में कामकाजी वर्ग की महिलाएं सड़कों पर उतरीं.

रैली 'यूथ ऑडिटोरियम' से शुरू हुई और 'आर्ट्स काउंसिल ऑफ पाकिस्तान' में समाप्त हुई. इसमें विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष, किसान और ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्य शामिल हुए.

प्रमुख पाकिस्तानी दैनिक 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के अनुसार, रैली का नेतृत्व गृह-आधारित महिला श्रमिक संघ की महासचिव जेहरा खान ने किया.

जेहरा खान ने चेतावनी दी कि सरकारी नीतियों के कारण सिंध की सभ्यता गंभीर खतरों का सामना कर रही है. उन्होंने जलवायु परिवर्तन, बाढ़, जल संसाधनों के दोहन और सिंधु डेल्टा के विनाश जैसे मुद्दों का जिक्र किया, जिससे सिंध में लाखों लोगों के जीवन और भूमि को खतरा है.

खान ने कहा कि ये चुनौतियां सिंध में बड़े पैमाने पर पलायन का कारण बनी हैं, फसल की पैदावार कम हुई है और खाद्य संकट बढ़ रहा है. उन्होंने पंजाब के प्रगतिशील समूहों से अपने शासकों की नहर नीतियों का विरोध करने और प्रांत के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए सिंध के अधिकारों का समर्थन करने की अपील की.

'मेहनतकश औरत रैली' में लैंगिक उत्पीड़न, प्रतिगामी सामाजिक दृष्टिकोण और महिलाओं के खिलाफ पूर्वाग्रहों की भी निंदा की गई.

प्रमुख पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने पंजाब के लोगों और पाकिस्तान भर में प्रगतिशील ताकतों से सिंध के साथ एकजुटता में खड़े होने की अपील की, जिसमें कहा गया कि सत्तारूढ़ अभिजात वर्ग नुकसानदायक नीतियों को लागू करने में एकजुट है.

रैली में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए, उन्होंने सिंध के अधिकारों के लिए समर्थन व्यक्त किया और पंजाब के नेतृत्व द्वारा संचालित नहर परियोजनाओं की निंदा की.

'डॉन' के मुताबिक, कराची बार एसोसिएशन (केबीए) और हैदराबाद बार काउंसिल ने विवादित नहर परियोजनाओं, 26वें संविधान संशोधन, कॉरपोरेट खेती के लिए सिंध की भूमि को सौंपने और इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम (संशोधन) विधेयक, 2025 के खिलाफ कराची में एक अलग विरोध प्रदर्शन आयोजित किया.

प्रदर्शनकारी वकीलों ने दावा किया कि देश पर 'वन-यूनिट' प्रणाली प्रभावी रूप से लागू कर दी गई है और विवादास्पद नहर परियोजनाओं पर निर्माण कार्य कॉमन इंटरेस्ट काउंसिल से अनिवार्य अनुमोदन प्राप्त किए बिना लगभग आधा पूरा हो चुका है. उन्होंने जोर देकर कहा कि नागरिकों ने इन परियोजनाओं को अस्वीकार कर दिया है.