पाकिस्तान सेना: 1971 में पेंट ढीली, 2025 में पेंट गीली, तालिबान के खौफ से जवान दे रहे नौकरी से इस्तीफा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 08-01-2025
Taliban
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पाकिस्तानी सेना और टीटीपी के बीच जारी जंग के बीच टीटीपी ने उन कंपनियों और संस्थानों की सूची भी जारी कर दी है, जिसपर वह निशाना साधने की तैयारी कर रहा है. इस बीच पाकिस्तानी सेना में काफी डर का माहौल भी है. 

जीन्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और पाकिस्तानी सेना के बीच चल रहे संघर्ष ने अब एक नया मोड़ ले लिया है. खबरों के मुताबिक, टीटीपी ने अब सीधे तौर पर सेना से जुड़ी कंपनियों और संस्थानों को निशाना बनाने का ऐलान कर दिया है. इस ऐलान के बाद पाकिस्तानी सेना के अंदर काफी डर का माहौल पैदा हो गया है, जिसके चलते बड़ी संख्या में सैनिक इस्तीफा दे रहे हैं.

टीटीपी के प्रवक्ता मोहम्मद खोरासानी ने अपने हालिया बयान में साफ कहा है कि पाकिस्तानी सेना की असली ताकत उसकी कमाई है, जिनकी बदौलत वह पिछले 70 सालों से देश पर अपनी पकड़ बनाए हुए हैं. खोरासानी ने चेतावनी दी है कि इन आय स्रोतों को खत्म करना टीटीपी का असली मकसद है.

टीटीपी ने उन कंपनियों और संस्थानों की सूची भी जारी की है, जिन पर वह हमले की योजना बना रही है. इनमें फौजी सीमेंट कंपनी लिमिटेड, अस्करी बैंक लिमिटेड, फौजी फर्टिलाइजर कंपनी लिमिटेड, फौजी फूड्स लिमिटेड, अस्करी सीमेंट लिमिटेड, अस्करी फ्यूल्स, नेशनल लॉजिस्टिक सेल, फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन, पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री, फौजी फाउंडेशन, डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी शामिल हैं.

टीटीपी ने न केवल इन कंपनियों को निशाना बनाने का ऐलान किया है, बल्कि इसमें निवेश करने वाले निवेशकों और व्यापारियों को भी चेतावनी दी है. खोरासानी ने कहा, ‘‘जो लोग सेना से जुड़ी कंपनियों में शेयर रखते हैं, वे तीन महीने के भीतर अपने शेयर बेच दें. अगर ऐसा नहीं किया गया तो उन्हें इसके नतीजे काफी बुरे होगा.’’

इसके अलावा, सेना से जुड़े उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों को भी धमकी दी गई है. टीटीपी ने कहा है कि दुकानदार अपने स्टॉक को दो महीने के अंदर खत्म कर लें और कोई अन्य विकल्प तलाशें, अन्यथा उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा.

टीटीपी के लगातार बढ़ते हमलों के कारण पाकिस्तानी सेना के जवानों में डर का माहौल है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बड़ी संख्या में सैनिक सेना से इस्तीफा दे रहे हैं. पाकिस्तान में हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं. सेना और ज्ज्च् के बीच यह टकराव आने वाले समय में और भी खतरनाक रूप ले सकता है.

टीटीपी ने अपने बयान में सेना के व्यवसायों पर सीधा हमला करने की तैयारी कर रहा है. उनका कहना है कि सेना की आर्थिक ताकत को कमजोर करना ही उनका असली मकसद है.

टीटीपी के इस ऐलान के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक और सामाजिक माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम सेना के आर्थिक ढांचे पर प्रहार करने की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है.