इस्लामाबाद
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने और राजनयिक संबंधों को कम करने के बाद पाकिस्तान आज एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक आयोजित कर रहा है, ताकि इन कदमों पर उचित प्रतिक्रिया तैयार की जा सके.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के कदमों को "गैरजिम्मेदाराना कार्रवाई" बताते हुए इस पर विस्तार से चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक बुलाई है.
'रेडियो पाकिस्तान' की रिपोर्ट के अनुसार, इस बैठक में पाकिस्तान की तीनों सेनाओं के प्रमुख और महत्वपूर्ण मंत्री शामिल होंगे.भारत ने मंगलवार को पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद, पाकिस्तान के साथ सीमापार संबंधों को लेकर बुधवार को 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला लिया.
इसके साथ ही, पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने की घोषणा की, जिसमें पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित करना भी शामिल था.‘रेडियो पाकिस्तान’ ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति बैठक के दौरान आंतरिक और बाहरी स्थितियों पर विचार-विमर्श करेगी और "भारत द्वारा जल्दबाजी में उठाए गए, आवेगपूर्ण और अव्यावहारिक जल संबंधी कदमों की समीक्षा करेगी."
‘डॉन’ अखबार के अनुसार, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने बुधवार देर रात एक निजी टेलीविजन चैनल से बात करते हुए भारत की प्रतिक्रिया की आलोचना की और इसे ‘अपरिपक्व’ और ‘जल्दबाजी’ बताया. डार ने कहा, "भारत ने कोई सबूत नहीं पेश किया है और अपनी प्रतिक्रिया में कोई परिपक्वता नहीं दिखाई है.
यह एक गैर-गंभीर दृष्टिकोण है. उन्होंने घटना के तुरंत बाद ही इसे तूल देना शुरू कर दिया."इससे पहले, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में पहलगाम आतंकी हमले में जानमाल के नुकसान पर खेद व्यक्त किया.
राजनयिक पर्यवेक्षकों ने चेतावनी दी है कि भारत की प्रतिक्रिया और पाकिस्तान के जवाबी संदेश द्विपक्षीय संबंधों को एक नई तलहटी तक ले जा सकते हैं, जिससे 2019 के पुलवामा और बालाकोट घटनाओं के बाद से चली आ रही दरार और बढ़ सकती है.
‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार, सिंधु जल संधि का निलंबन विशेष रूप से दीर्घकालिक जल विवादों को भड़काने का जोखिम पैदा कर सकता है, जबकि राजनयिक संबंधों को कम करने से भविष्य में तनाव कम करने के प्रयासों में रुकावट आ सकती है.
पहलगाम हमले के एक दिन बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई, जिसमें आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया स्वरूप अंतिम निर्णय लिया गया.
सीसीएस ने यह भी निर्णय लिया कि अटारी में स्थित एकीकृत जांच चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा. इसके अलावा, सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और पहले जारी किए गए पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा को रद्द माना जाएगा.