अब फिलिस्तीनियों को उनका हक मिलेगा: डॉ. अल-इस्सा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 16-01-2025
Sheikh Dr. Mohammed bin Abdulkarim Al-Issa
Sheikh Dr. Mohammed bin Abdulkarim Al-Issa

 

मुस्लिम जानकारों के संगठन ‘मुस्लिम वर्ल्ड लीग’ के अध्यक्ष शेख डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इस्सा ने इजरायल हमास के समझौते का खैरमकदम किया है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि अब फिलिस्तीनी लोगों को उनका हक मिलेगा. इसके साथ ही उन्हें मानवीय मदद मिलेगी.

मुस्लिम वर्ल्ड लीग  ने गाजा पट्टी में जंगबंदी समझौते के ऐलान का खैरमकदम किया है. इस समझौते को हासिल करने में कतर राज्य, अरब गणराज्य, मिस्र और संयुक्त राज्य अमेरिका के कोशिशों की तारीफ की. सऊदी प्रेस एजेंसी ने गुरुवार को बताया कि शेख डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इस्सा ने एक बयान में उम्मीद जताई कि यह समझौता गाजा पट्टी की तरफ से झेली गई भयावह मानवीय त्रासदी को खत्म कर देगा. उन्होंने कहा कि इस मानवीय त्रासदी में क्रूर हमले के सभी भयावह आयाम शामिल हैं.

शेख डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इसा ने समझौते का पूरा पालन करने, हमले को खत्म करने और गाजा पट्टी के साथ सभी फिलिस्तीनी इलाकों से इजरायली कब्जे वाली सेनाओं की वापसी की अहमियत पर जोर दिया है. अल-इसा ने फिलिस्तीनी लोगों को उनके पूरे हक हासिल करने की जरूरत पर भी जोर दिया. फिलिस्तीनी लोगों का जो सबसे बड़ा हक है वह सरहदों पर उनके आजाद, संप्रभु राज्य को बसाना है, जिसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम होगी.

इस्लामिक सहयोग संगठन के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा ने गाजा पट्टी में जंगबंदी समझौते का खैरमकदम किया है. महासचिव ने उम्मीद जताई कि इस समझौते से इजरायली हमले का खात्मा होगा, विस्थापित लोगों की उनके घरों में वापसी होगी, इजरायली कब्जे वाली सेना की वापसी होगी और गाजा पट्टी के सभी इलाकों में इंसानी मदद बिना किसी रुकावट के पूरी की पूरी पहुंचेगी.

हिसेन ब्राहिम ताहा ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से फिलिस्तीनी मुद्दे के ताल्लुक से संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को लागू करके अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की गुजारिश की. उन्होंने इजरायली कब्जे को खत्म करने और फिलिस्तीनी लोगों को उनके कानूनी हक को दोबारा हासिल करने में सक्षम बनाने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने भी इस बात पर जोर दिया कि 1967 की सीमाओं के भीतर फिलिस्तीनी अपने आजाद राज्य को बनाएं. इसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम होगी.