मोदी इफेक्ट: भारत को अमेरिका से मिलेंगे एफ-35 फाइटर जेट्स, पाकिस्तान की चीखें निकालनी शुरू

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 14-02-2025
F-35 fighter jets
F-35 fighter jets

 

इस्लामाबाद. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन भारत को एफ35 स्टील्थ लड़ाकू विमान प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है, जिसके बाद पाकिस्तान के पेट में मरोड़ उठनी शुरू हो गई है. हालांकि खुद पाकिस्तान, चीन से जे-31 स्टील्थ लड़ाकू विमान लेने की कोशिश कर रहा है, उस पर वह चुप है. पाकिस्तान ने शुक्रवार को चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह कदम क्षेत्रीय सैन्य संतुलन को बाधित करेगा, रणनीतिक स्थिरता को कमजोर करेगा और दक्षिण एशिया में स्थायी शांति प्राप्त करने के प्रयासों में बाधा उत्पन्न करेगा.

नाराज पाकिस्तान ने अपने अंतरराष्ट्रीय भागीदारों से ‘एकतरफा दृष्टिकोण न अपनाने का आग्रह किया जो जमीनी हकीकत से अलग हो.’ शुक्रवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय (एमओएफए) के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भारत को उन्नत सैन्य प्रौद्योगिकियों के नियोजित हस्तांतरण पर पाकिस्तान बहुत चिंतित है. इस तरह के कदम क्षेत्र में सैन्य असंतुलन को बढ़ाते हैं और रणनीतिक स्थिरता को कमजोर करते हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘वे दक्षिण एशिया में स्थायी शांति के उद्देश्य को प्राप्त करने में सहायक नहीं हैं. हम अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा के मुद्दों पर समग्र और वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण अपनाने और एकतरफा और जमीनी हकीकत से अलग रुख अपनाने से बचने का आग्रह करते हैं.’’

गुरुवार को, ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘इस साल से, हम भारत को कई अरब डॉलर की सैन्य बिक्री बढ़ाएंगे. हम अंततः भारत को एफ35, स्टेल्थ लड़ाकू विमान प्रदान करने का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं.’’

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ट्रम्प की घोषणा के बाद अमेरिका से एफ-35 खरीदने के लिए सहमत हुआ है, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘‘भारत को सैन्य बिक्री पर, एक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा प्लेटफॉर्म हासिल किए जाते हैं. ज्यादातर मामलों में, प्रस्तावों के लिए अनुरोध किया जाता है. उन पर प्रतिक्रियाएं होती हैं. उनका मूल्यांकन किया जाता है. मुझे नहीं लगता कि भारत द्वारा उन्नत विमानन प्लेटफॉर्म के अधिग्रहण के संबंध में, वह प्रक्रिया अभी शुरू हुई है. इसलिए, यह वर्तमान में एक प्रस्ताव के चरण में है. लेकिन मुझे नहीं लगता कि इस संबंध में औपचारिक प्रक्रिया अभी शुरू हुई है.’’

भारत और अमेरिका ने अपने रक्षा सहयोग के लिए एक नई पहल, स्वायत्त प्रणाली उद्योग गठबंधन का अनावरण किया है, जिसका उद्देश्य उद्योग साझेदारी को बढ़ाना और स्वायत्त प्रणालियों के उत्पादन को बढ़ाना है जो अगली पीढ़ी के रक्षा और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देगा, विशेष रूप से पानी के नीचे डोमेन जागरूकता के क्षेत्र में.

भारत और अमेरिका ने वायु, भूमि, समुद्र, अंतरिक्ष और साइबरस्पेस सहित विभिन्न क्षेत्रों में सैन्य सहयोग के विस्तार पर भी चर्चा की, जिसमें नवीनतम तकनीकों को शामिल करते हुए उन्नत प्रशिक्षण, अभ्यास और संचालन पर जोर दिया गया. दोनों नेताओं ने आगामी ‘टाइगर ट्रायम्फ’ त्रि-सेवा अभ्यास पर भी प्रकाश डाला, जो भारत में आयोजित किया जाएगा और अपने पिछले संस्करणों की तुलना में बड़े पैमाने और जटिलता में होगा.

विदेशों में सैन्य तैनाती का समर्थन करने के मामले में, भारत और अमेरिका ने इंडो-पैसिफिक में रसद, खुफिया जानकारी साझा करने और सेना की गतिशीलता में सुधार करने के लिए प्रतिबद्धता जताई. ये दोनों देशों के बीच ‘सैन्य साझेदारी, त्वरित वाणिज्य और प्रौद्योगिकी’ में बदलाव लाने के लिए पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा शुरू की गई ‘21वीं सदी के लिए यूएस-इंडिया कॉम्पैक्ट’ पहल के अंतर्गत आते हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की भी घोषणा की और कहा कि उसे न्याय का सामना करना पड़ेगा. ट्रम्प ने कहा, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले से जुड़े साजिशकर्ताओं (तहव्वुर राणा) और दुनिया के सबसे बुरे लोगों में से एक को भारत में न्याय का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित करने को मंजूरी दे दी है. वह न्याय का सामना करने के लिए भारत वापस जा रहा है.’’

पाकिस्तानी मूल के व्यवसायी तहव्वुर हुसैन राणा को मुंबई में 26/11 के हमलों में उसकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया गया. राणा के सह-षड्यंत्रकारियों में डेविड हेडली भी शामिल था, जिसने अपना अपराध स्वीकार किया और राणा के खिलाफ सहयोग किया.