बलूचिस्तान. बलूच कार्यकर्ता महरंग बलूच ने कहा है कि पाकिस्तान की फौज ने मंगलवार को 41 बलूच लोगों को जबरन गायब कर दिया, जिसमें अशफाक बलूच भी शामिल हैं, जिनके भाई शहजाद बलूच की 2022 की शुरुआत में न्यायेतर तरीके से हत्या कर दी गई थी.
उन्होंने कहा कि जबरन गायब किए गए लोगों के रिश्तेदारों ने तीन स्थानों पर कराची-क्वेटा राजमार्ग को जाम कर दिया है और बलूचिस्तान के लोगों से इन धरनों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.
एक्स पर एक पोस्ट में महरंग बलूच ने कहा, ‘‘पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान से बलूचों को खत्म करने का अंतिम फैसला ले लिया है. कल ही 41 बलूचों को जबरन गायब कर दिया गया, जिसमें अशफाक बलूच भी शामिल हैं, जिनके भाई शहजाद बलूच की 2022 की शुरुआत में न्यायेतर तरीके से हत्या कर दी गई थी. जिसके खिलाफ परिवार ने बीवाईसी के साथ मिलकर क्वेटा रेड जोन में 55 दिनों तक धरना दिया. फिलहाल, जबरन गायब किए गए लोगों के परिजनों ने कराची-क्वेटा हाईवे को तीन जगहों पर धरना देकर जाम कर दिया है. मैं बलूच राष्ट्र से इन विरोध प्रदर्शनों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील करती हूं.’’
इससे पहले मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान के सुराब जिले में लगातार चौथे दिन धरना दिया और बलूचिस्तान में जबरन गायब किए गए लोगों और कथित मानवाधिकार उल्लंघनों के विरोध में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की प्रमुख सड़क को अवरुद्ध कर दिया.
बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) झालावान क्षेत्र और लापता व्यक्तियों के परिवारों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में न्याय और राज्य द्वारा व्यवस्थित दमन को समाप्त करने की मांग की गई. विरोध स्थल पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर बलूच युवाओं को जबरन गायब करने का आरोप लगाया, और जबरन गायब करना राज्य की नीति बताया.
बलूचिस्तान पोस्ट ने एक प्रदर्शनकारी के हवाले से कहा, ‘‘हर दिन, एक और बलूच युवा को बिना किसी जवाबदेही के उठा लिया जाता है. राज्य संस्थाएं न केवल इन अपहरणों के लिए जिम्मेदार हैं, बल्कि इस उत्पीड़न के खिलाफ बोलने वाली आवाजों को दबाने के लिए हिंसा और धमकी का भी इस्तेमाल कर रही हैं.’’
प्रदर्शनकारियों ने जबरन गायब किए गए 12 व्यक्तियों के परिवारों की उपस्थिति पर जोर दिया, जिससे उनकी दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित हुआ. उन्होंने प्रदर्शन को तोड़ने के लिए अधिकारियों द्वारा अत्यधिक बल प्रयोग की भी निंदा की, और दावा किया कि पुलिस, लेवी और फ्रंटियर कॉर्प्स (एफसी) कर्मियों सहित सुरक्षा बलों को धरना खत्म करने के लिए कलात डिवीजन से तैनात किया गया था. पाकिस्तान में बलूच लोगों को जबरन गायब किया जाना एक लंबे समय से चली आ रही और चिंताजनक समस्या रही है, खासकर बलूचिस्तान में. अधिक स्वायत्तता और अधिकारों की मांग कर रहे बलूच लोगों को सेना और खुफिया एजेंसियों सहित राज्य सुरक्षा बलों द्वारा निशाना बनाया गया है.