जय सिंध फ्रीडम मूवमेंट के अध्यक्ष ने पीटीएम जिरगा पर हमले की निंदा की, वैश्विक कार्रवाई का आग्रह किया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 15-10-2024
Jai Sindh Freedom Movement Chairman Condemns Attack on PTM Jirga, Urges Global Action
Jai Sindh Freedom Movement Chairman Condemns Attack on PTM Jirga, Urges Global Action

 

कराची. जय सिंध फ्रीडम मूवमेंट (जेएसएफएम) के अध्यक्ष सोहेल अब्रो ने खैबर पख्तूनख्वा में शांतिपूर्ण पश्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) जिरगा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा बिना उकसावे के की गई गोलीबारी की कड़ी निंदा की है, जिसके परिणामस्वरूप तीन पीटीएम कार्यकर्ताओं की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.

अब्रो ने इस घटना को पाकिस्तानी राज्य द्वारा पश्तून, बलूच और सिंधी राष्ट्रों सहित हाशिए पर पड़े समुदायों के खिलाफ चल रहे व्यवस्थित उत्पीड़न और नरसंहार का हिस्सा बताया, जो लंबे समय से पंजाबी साम्राज्यवाद के तहत पीड़ित हैं.

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि शांतिपूर्ण राजनीतिक आंदोलनों के प्रति राज्य की हिंसक प्रतिक्रिया का उद्देश्य देश के भीतर उत्पीड़ित समूहों के लिए न्याय, स्वायत्तता और बुनियादी मानवाधिकारों की मांग करने वाली आवाजों को चुप कराना है.

उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के हमले जातीय दमन और सैन्यीकरण के व्यापक अभियान का संकेत हैं, जो न केवल पश्तूनों को बल्कि बलूच और सिंधियों जैसे अन्य सताए गए राष्ट्रों को भी निशाना बनाते हैं. अब्रो ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों - संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी), एमनेस्टी इंटरनेशनल और पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) सहित - से इस जघन्य कृत्य को तत्काल संबोधित करने और पाकिस्तानी राज्य को उसके गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया.

उन्होंने जोर देकर कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अब राज्य द्वारा किए जा रहे अत्याचारों और व्यवस्थित उत्पीड़न को नजरअंदाज नहीं कर सकता. सोहेल अब्रो ने कहा, ‘‘जय सिंध स्वतंत्रता आंदोलन न्याय और सम्मान के लिए उनकी लड़ाई में पश्तून राष्ट्र और पीटीएम के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़ा है. उत्पीड़ित राष्ट्रों की एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है, और साथ मिलकर, हम अंततः स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के लिए अपने सामूहिक और दृढ़ संघर्ष के माध्यम से पाकिस्तानी राज्य के अत्याचार को दूर करेंगे.’’

उन्होंने पाकिस्तान में सभी उत्पीड़ित राष्ट्रों के अधिकारों की वकालत करने के लिए जेएसएफएम की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया और राज्य प्रायोजित हिंसा और उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष जारी रखने की कसम खाई. जय सिंध स्वतंत्रता आंदोलन (जेएसएफएम) पाकिस्तान में एक राजनीतिक और राष्ट्रवादी आंदोलन है, जो मुख्य रूप से सिंध प्रांत में सिंधी लोगों के अधिकारों और स्वायत्तता की वकालत करने पर केंद्रित है. 20वीं सदी के उत्तरार्ध में स्थापित, यह आंदोलन सिंधी पहचान, संस्कृति और राजनीतिक प्रतिनिधित्व से संबंधित मुद्दों को संबोधित करना चाहता है, अक्सर केंद्र सरकार द्वारा कथित अन्याय और शोषण का विरोध करता है. जेएसएफएम सांस्कृतिक संरक्षण, आर्थिक विकास और आत्मनिर्णय पर जोर देते हुए पाकिस्तान के भीतर एक स्वतंत्र सिंध या अधिक स्वायत्तता के विचार को बढ़ावा देता है.

 

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