जाफर एक्सप्रेस हाईजैक : नेशनल असेंबली में विपक्ष ने पूछे सवाल, तो पाकिस्तान सरकार के मुंह पर लग गया ताला

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 13-03-2025
Jaffar Express hijack: Opposition asked questions in National Assembly, Pakistan government shut its mouth
Jaffar Express hijack: Opposition asked questions in National Assembly, Pakistan government shut its mouth

 

इस्लामाबाद. बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस अपहरण की घटना को पाकिस्तान की संघीय सरकार की तीखी आलोचना हो रही है लेकिन उसने इस मुद्दे पर खामोश रहने की रणनीती बनाई है. नेशनल असेंबली में विपक्ष के हमलों के बीच सरकार ने चुप्पी साधे रखी.  

बुधवार को गठबंधन सरकार ने अपहरण की घटना का कोई भी उल्लेख करने से परहेज किया. हालांकि विपक्षी नेता उमर अयूब खान ने सरकार की प्रतिक्रिया की आलोचना की थी.

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी और कानून मंत्री आजम नजीर तरार सहित प्रमुख पाकिस्तानी मंत्री सदन में मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कोई नीतिगत बयान देने से परहेज किया.

बोलन जिले में जाफर एक्सप्रेस पर बड़े पैमाने पर हमले के बाद बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के मजीद ब्रिगेड के चरमपंथियों और पाकिस्तानी सेना के बीच टकराव आखिरकार 24 घंटे से अधिक समय बाद बुधवार शाम को खत्म हुआ.

सेना ने दावा किया कि हमलावरों को बेअसर करने और बंधकों को बचाने का अभियान सफलतापूर्वक समाप्त हो गया है.

एक विश्वसनीय सुरक्षा सूत्र ने बताया, "ऑपरेशन समाप्त हो गया है, घटनास्थल को खाली करा लिया गया है. सभी बंधकों को रिहा कर दिया गया है. कुल 346 लोगों को बचाया गया. 50 आतंकवादियों को मार गिराया गया."

अधिकारियों ने यह भी खुलासा किया कि आतंकवादी हमले के दौरान महिलाओं और बच्चों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे.

क्वेटा से पेशावर जा रही इस ट्रेन को बीएलए के उग्रवादियों ने हाईजैक कर 400 से ज़्यादा यात्रियों को बंधक बना लिया था.

हालांकि, संकट की गंभीरता के बावजूद, संघीय सरकार ने इस मामले को सुलझाने में कोई तत्परता नहीं दिखाई.

नेशनल असेंबली सत्र के दौरान, उमर अयूब खान ने मांग की कि जाफर एक्सप्रेस अपहरण पर बहस के लिए नियमित कार्यवाही को निलंबित किया जाए.

हालांकि, पीपीपी के अब्दुल कादिर पटेल, जो अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, ने अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया और इसके बजाय प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया.

पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक 'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, इस निर्णय का पीटीआई सांसदों ने जोरदार विरोध किया. उन्होंने विरोध में नारे लगाने के बाद सदन से वॉकआउट कर दिया.

प्रश्नकाल पूरा होने के बाद, पीटीआई सदस्य सदन में वापस आए, जहां उमर अयूब ने सरकार की निष्क्रियता की तीखी आलोचना की. उन्होंने कहा, "बलूचिस्तान जल रहा है और सरकार हमेशा की तरह काम कर रही है."

अनौपचारिक बातचीत में लगे ट्रेजरी सदस्यों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी गंभीरता की कमी आतंकवाद के प्रति सरकार की उदासीनता को दर्शाती है.

जाफर एक्सप्रेस हमले को 'एक बड़ी खुफिया विफलता' बताते हुए खान ने सवाल उठाया कि कैसे दर्जनों आतंकवादी खुफिया एजेंसियों की नजर में आए बिना दिनदहाड़े इकट्ठा होकर ऑपरेशन को अंजाम देने में कामयाब हो गए.

खान ने आरोप लगाया कि देश में 13 खुफिया एजेंसियों का प्राथमिक ध्यान आतंकवादियों का पता लगाने के बजाय विपक्षी नेताओं को निशाना बनाना था.