बेरूत
— इज़राइल के लड़ाकू विमानों ने रविवार को बेरूत के दक्षिणी उपनगरों पर बमबारी की। हमले से करीब एक घंटे पहले चेतावनी जारी की गई थी. नवंबर के अंत में संघर्ष विराम लागू होने के बाद इस क्षेत्र में इज़राइल का यह तीसरा बड़ा हमला है.
हमले के बाद इलाके में धुएं के घने बादल छा गए। दो इमारतों के बीच स्थित एक शिविर को निशाना बनाया गया और कई ट्रक क्षतिग्रस्त हो गए। अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
इज़राइली सेना ने हमले से पहले चेतावनी देते हुए कहा था कि वह हदाथ क्षेत्र में हिज़बुल्ला के ठिकानों को निशाना बना रही है और निवासियों से अनुरोध किया था कि वे हमले के स्थान से कम से कम 300 मीटर दूर रहें.
अल-जामौस इलाके के पास हमला होने से पहले बेरूत के कई हिस्सों में लड़ाकू विमानों की गड़गड़ाहट सुनी गई थी। स्थानीय निवासियों को सतर्क करने के लिए हवा में गोलियां भी चलाई गईं.
इज़राइल-हिज़बुल्ला युद्ध के दौरान दक्षिणी उपनगरों पर अक्सर बमबारी होती रही है. यह इलाका हिज़बुल्ला का गढ़ माना जाता है, जहां संगठन को मजबूत जनसमर्थन प्राप्त है.
अतीत में इज़राइल ने इसी क्षेत्र में हिज़बुल्ला के कई शीर्ष नेताओं, जिनमें प्रमुख हसन नसरल्ला भी शामिल हैं, को निशाना बनाया था. इज़राइल का मानना है कि हिज़बुल्ला ने यहां भारी मात्रा में हथियार जमा कर रखे हैं.
लेबनान के राष्ट्रपति जोसेफ औन ने इज़राइली हमले की कड़ी निंदा की और अमेरिका तथा फ्रांस से अपील की कि वे क्षेत्र में युद्धविराम सुनिश्चित कराने की अपनी जिम्मेदारी निभाएं और इज़राइल पर हमले रोकने का दबाव बनाएं.
राष्ट्रपति औन ने चेतावनी दी कि इस तरह की कार्रवाइयों से क्षेत्रीय स्थिरता को गहरा खतरा उत्पन्न हो सकता है.इस बीच, हिज़बुल्ला के वरिष्ठ नेता शेख नईम कासिम ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि अगर इज़राइल के हमले जारी रहे और लेबनान सरकार उन्हें रोकने में विफल रही, तो हिज़बुल्ला अन्य कदम उठाने पर मजबूर होगा.
गौरतलब है कि इससे पहले 28 मार्च को इज़राइल ने दक्षिणी उपनगरों में चेतावनी के साथ हमला किया था, जबकि एक अप्रैल को बिना किसी चेतावनी के किए गए हमले में हिज़बुल्ला के एक अधिकारी सहित चार लोग मारे गए थे.