मास्को. रूसी उप प्रधानमंत्री मरात खुस्नुलिन ने कहा है कि इस्लामिक देश रूस पर पश्चिम के प्रतिबंधों का समर्थन नहीं करते हैं, और इस सप्ताह के कजान आर्थिक मंच पर हस्ताक्षर किए गए समझौते से यह साबित होता है. स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी. आरटी के अनुसार, खुस्नुलिन ने कहा कि रूस और इस्लामिक सहयोग संगठन के देशों के प्रतिनिधिमंडलों को कजान शहर में 'रूस-इस्लामिक वल्र्ड' फोरम में लाने के परिणाम स्वरूप सैकड़ों बैठकें हुईं और 100 से अधिक व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.
उन्होंने कहा, मंच एक ऐसा स्थान बन गया है जहां राजनीतिक और आर्थिक हित एकत्र हुए हैं, क्योंकि मुस्लिम दुनिया के देश हमारा समर्थन करते हैं. मुस्लिम दुनिया का कोई भी देश हमारे खिलाफ प्रतिबंधों का समर्थन नहीं करता है.
कुछ अरब देशों - विशेष रूप से सऊदी अरब और मिस्र - ने औपचारिक रूप से यूक्रेन में उसके सैन्य अभियान के लिए रूस की निंदा की है, फिर भी किसी भी इस्लामिक राष्ट्र ने पश्चिम का अनुसरण करते हुए मास्को पर आर्थिक प्रतिबंध नहीं लगाया है. इस्लामिक दुनिया और रूस के बीच व्यापार काफी हद तक बेरोकटोक जारी रहा है. खुस्नुलिन ने खुलासा किया कि कृषि उत्पादों और हलाल भोजन, कच्चा तेल प्रसंस्करण और बैंकिंग पर द्विपक्षीय समझौते सहित कई और डील पर काम चल रहा है.
अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा के निर्माण से बढ़े हुए व्यापार को समर्थन मिलेगा. यह गलियारा 7,200 किलोमीटर का होता भारत, ईरान, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच कार्गो की आवाजाही के लिए जहाज, रेल और सड़क मार्ग शामिल होंगे. आरटी ने बताया कि रूस से भारत के लिए माल ढुलाई पारंपरिक स्वेज नहर मार्ग की तुलना में तेज और सस्ता होगा. साथ ही यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों से उत्पन्न जोखिम भी नहीं होगा.