ईरान के शीर्ष कमांडर ने 'मुस्लिम दुनिया में आतंकवाद, विभाजन' के लिए अमेरिका को दोषी बताया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 04-11-2024
Hossein Salami
Hossein Salami

 

तेहरान. ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) के मुख्य कमांडर हुसैन सलामी ने रविवार को कहा कि मुस्लिम दुनिया में आतंकवाद और विभाजन के लिए अमेरिका की नीतियां जिम्मेदार हैं.

सलामी ने यह टिप्पणी तेहरान में पूर्व अमेरिकी दूतावास के अधिग्रहण की 45वीं वर्षगांठ और "वैश्विक अहंकार के खिलाफ लड़ाई के राष्ट्रीय दिवस" के अवसर पर आयोजित एक रैली में की, जिसे "राष्ट्रीय छात्र दिवस" के रूप में भी जाना जाता है.

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, आईआरजीसी के मुख्य कमांडर ने समारोह में जोर देकर कहा कि "तकफिरी (चरमपंथी) आतंकवाद की घटना और मुस्लिम दुनिया में खूनी विभाजन" सभी अमेरिकी नीतियों के परिणाम थे.

देश की आधिकारिक समाचार एजेंसी इरना के अनुसार, सलामी ने अमेरिका को "विरोधाभासी पहचान" के रूप में वर्णित किया.

उन्होंने कहा कि एक तरफ अमेरिका वैश्विक शांति, सुरक्षा और व्यवस्था की बात करता है, और दूसरी तरफ वह दुनिया में सभी "अपराधों, नरसंहारों और कब्जों" का स्रोत है.

ईरानियों ने रविवार को सड़कों पर उतरकर पूर्व अमेरिकी दूतावास के परिसर तक मार्च निकाला और अमेरिका और इजरायल के खिलाफ नारे लगाए.

प्रदर्शनकारियों ने ईरान, हिजबुल्लाह और फिलिस्तीन के झंडे लहराए, साथ ही ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई और ईरान तथा क्षेत्रीय प्रतिरोध समूहों के मारे गए नेताओं और कमांडरों की तस्वीरें भी लहराईं.

रैली के अंत में, प्रदर्शनकारियों ने ईरान के सर्वोच्च नेता के प्रति निष्ठा की शपथ लेते हुए एक बयान जारी किया और गाजा तथा लेबनान में इजरायल के "अपराधों" की निंदा की, "जिन्हें अमेरिका की प्रत्यक्ष भागीदारी और समर्थन से अंजाम दिया जा रहा है".

उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से गाजा और लेबनान में युद्ध विराम की दिशा में काम करने का भी आह्वान किया.

फरवरी 1979 में ईरान की इस्लामी क्रांति की जीत के कुछ महीने बाद ईरानी विश्वविद्यालय के छात्रों ने अमेरिकी दूतावास की इमारत पर कब्जा कर लिया था. उनका आरोप था कि दूतावास में पाए गए दस्तावेजों के अनुसार, अमेरिका इस्लामी गणराज्य को उखाड़ फेंकने की योजना बना रहा था और अमेरिकी सरकार के लिए जासूसी के अड्डे के रूप में काम कर रहा था.

ईरान हर साल राष्ट्रव्यापी रैलियां आयोजित करके अधिग्रहण की घटना का जश्न मनाता है.