नई दिल्ली
भारत ने मंगलवार को डेल्फ़्ट द्वीप के नज़दीक 13 भारतीय मछुआरों को पकड़ने के दौरान श्रीलंकाई नौसेना द्वारा की गई गोलीबारी के खिलाफ़ कड़ा विरोध दर्ज कराया है.विदेश मंत्रालय (एमईए) ने इस घटना पर विरोध दर्ज कराने के लिए दिल्ली में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को बुलाया.
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक बयान में कहा, "नई दिल्ली में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को आज सुबह विदेश मंत्रालय में बुलाया गया और इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया.कोलंबो में हमारे उच्चायोग ने भी इस मामले को श्रीलंका सरकार के विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है."
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, मछली पकड़ने वाली नाव पर सवार 13 मछुआरों में से दो को गंभीर चोटें आईं हैं .उनका जाफना टीचिंग अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि तीन अन्य मछुआरों को मामूली चोटें आईं हैं, जिनका भी इलाज चल रहा है.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "आज सुबह डेल्फ़्ट द्वीप के नज़दीक 13 भारतीय मछुआरों को पकड़ने के दौरान श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गोलीबारी की घटना की सूचना मिली.मछली पकड़ने वाली नाव पर सवार 13 मछुआरों में से दो को गंभीर चोटें आईं हैं और उनका जाफ़ना टीचिंग अस्पताल में इलाज चल रहा है."
इसमें कहा गया है, "तीन अन्य मछुआरों को मामूली चोटें आईं हैं और उनका इलाज चल रहा है.जाफ़ना में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने घायल मछुआरों से अस्पताल में मुलाकात की.उनका हालचाल जाना तथा मछुआरों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की."
बयान के अनुसार, भारत सरकार ने हमेशा आजीविका संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए मछुआरों से संबंधित मुद्दों को मानवीय और मानवीय तरीके से निपटाने की आवश्यकता पर जोर दिया.विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "किसी भी परिस्थिति में बल का प्रयोग स्वीकार्य नहीं.इस संबंध में दोनों सरकारों के बीच मौजूदा समझ का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए."
यह घटना पाक जलडमरूमध्य में विवादित मछली पकड़ने के अधिकार को लेकर भारतीय मछुआरों और श्रीलंकाई नौसेना के बीच चल रहे तनाव को उजागर करती है.भारतीय मछुआरों की गिरफ़्तारी और हिरासत एक आवर्ती मुद्दा बन गया है, जिसके कारण भारतीय केंद्र और राज्य सरकारों दोनों की ओर से कूटनीतिक प्रयास किए जा रहे हैं.
हाल ही में, श्रीलंकाई नौसेना द्वारा हिरासत में लिए गए 41 भारतीय मछुआरों को चेन्नई हवाई अड्डे पर वापस लाया गया.उनमें से, रामनाथपुरम जिले के 35 मछुआरों को 8 सितंबर, 2024 को सीमा पार मछली पकड़ने के आरोप में कच्चातीवु के पास से गिरफ़्तार किया गया था.भारतीय संघ और तमिलनाडु सरकारों के हस्तक्षेप के बाद उनकी रिहाई सुनिश्चित हुई.