भारत को जापान, इजरायल, कोरिया और नाटो सहयोगियों के बराबर माना जाए, सीनेटर मार्को रुबियो ने यूएस-भारत रक्षा सहयोग बिल किया पेश

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 26-07-2024
Marco Rubio
Marco Rubio

 

वाशिंगटन. यू.एस. सीनेटर मार्को रुबियो ने 25 जुलाई को यू.एस. सीनेट में एक विधेयक पेश किया, जिसमें प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के मामले में भारत को जापान, इजरायल, कोरिया और नाटो सहयोगियों जैसे अपने सहयोगियों के बराबर माना जाएगा और भारत की क्षेत्रीय अखंडता के लिए बढ़ते खतरों के जवाब में भारत का समर्थन किया जाएगा. इसमें पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता प्राप्त करने से रोकने का भी प्रस्ताव है, अगर यह पाया जाता है कि उसने भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित किया है.

रुबियो ने सीनेट में यू.एस.-भारत रक्षा सहयोग अधिनियम पेश करने के बाद कहा, ‘‘कम्युनिस्ट चीन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपने क्षेत्र का आक्रामक रूप से विस्तार करना जारी रखे हुए है, जबकि वह हमारे क्षेत्रीय भागीदारों की संप्रभुता और स्वायत्तता को बाधित करना चाहता है. इन दुर्भावनापूर्ण चालों का मुकाबला करने में यू.एस. के लिए अपना समर्थन जारी रखना महत्वपूर्ण है. भारत, क्षेत्र के अन्य देशों के साथ, अकेला नहीं है.’’

बिल में क्या है?

बिल में कहा गया है कि चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए यू.एस.-भारत साझेदारी महत्वपूर्ण है. विधेयक में जोर दिया गया है कि नई दिल्ली के साथ हमारे रणनीतिक कूटनीतिक, आर्थिक और सैन्य संबंधों को बढ़ाना आवश्यक है.

अन्य बातों के अलावा, विधेयक नीति का एक वक्तव्य निर्धारित करेगा कि अमेरिका भारत की क्षेत्रीय अखंडता के लिए बढ़ते खतरों के जवाब में भारत का समर्थन करेगा, विरोधियों को रोकने के लिए भारत को आवश्यक सुरक्षा सहायता प्रदान करेगा और रक्षा, नागरिक अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, चिकित्सा और आर्थिक निवेश के लिए भारत के साथ सहयोग करेगा.

चुनावी वर्ष में एक कटु रूप से विभाजित कांग्रेस की छोटी समयसीमा को देखते हुए, विधेयक के बहुत आगे बढ़ने की संभावना नहीं है, लेकिन इसे अगले कांग्रेस में फिर से पेश किया जा सकता है, यह देखते हुए कि भारत-अमेरिका संबंधों पर द्विदलीय समर्थन है.

जब कानून बन जाएगा, तो यह भारत को रूसी उपकरणों की खरीद के लिए काटसा प्रतिबंधों से सीमित छूट प्रदान करेगा, जो वर्तमान में भारतीय सेना द्वारा उपयोग किए जाते हैं और भारत को रक्षा लेख, सेवाएं, डिजाइन और निर्माण सेवाएं और प्रमुख रक्षा उपकरण बेचने की प्रक्रिया में तेजी लाएंगे.

यह भारत के साथ वैसा ही व्यवहार करने का प्रस्ताव है, जैसे कि वह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के संबंध में जापान, इजराइल, कोरिया और नाटो सहयोगियों जैसे अमेरिकी सहयोगियों के समान दर्जा रखता हो. इसमें सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए भारत के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए विदेश मंत्री को अधिकृत करना, दो साल के लिए भारत को अतिरिक्त रक्षा सामग्री भेजने में तेजी लाना और भारत को अन्य सहयोगियों के समान दर्जा देना, और नई दिल्ली के साथ अंतर्राष्ट्रीय सैन्य शिक्षा और प्रशिक्षण सहयोग का विस्तार करना शामिल है.

पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव

इसमें पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ आतंकवाद और प्रॉक्सी समूहों के माध्यम से आक्रामक बल के उपयोग पर कांग्रेस को रिपोर्ट करने की आवश्यकता हैय और अगर पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित करता पाया जाता है, तो उसे सुरक्षा सहायता प्राप्त करने से रोकना होगा.

यह पहली बार है कि अमेरिकी कांग्रेस में इस तरह का भारत-केंद्रित विधेयक पेश किया गया है - यह भारत को उसके संधि सहयोगियों के समान स्तर पर रखने, उसे काटसा प्रतिबंधों से छूट देने और भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव करता है.

 

ये भी पढ़ें :   बस चालक शेख़ शहाबुद्दीन ने सूझबूझ से बचाई 100 से अधिक यात्रियों की जान
ये भी पढ़ें :   मिशन 2036 ओलंपिकः सानिया मिर्जा, एमसी मैरी कॉम ने लविश चौधरी की महत्वाकांक्षी परियोजना को दिया समर्थन
ये भी पढ़ें :   अरबी भाषा के विद्वान की नजर में कांवड़ यात्रा भारतीय धार्मिक विविधता और सामंजस्य का प्रतीक
ये भी पढ़ें :   कारगिल विजय दिवस 2024: भारतीय सेना की वीरता का प्रतीक