आवाज द वाॅयस /मुजफ्फराबाद/नई दिल्ली
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच शनिवार, 26 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) की राजधानी मुजफ्फराबाद में झेलम नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया. पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारत द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के नदी में अधिक पानी छोड़ने के बाद स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी है.
हालात ने क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है, जबकि दोनों देशों के बीच जल संधि को लेकर तीखा विवाद उभर आया है.मुजफ्फराबाद जिला प्रशासन के प्रवक्ता ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, "भारत द्वारा झेलम नदी में सामान्य से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण मध्यम स्तर की बाढ़ आई है." प्रशासन ने स्थानीय निवासियों से आग्रह किया है कि वे नदी किनारे के इलाकों से दूर रहें और अपने मवेशियों को भी नदी के करीब न जाने दें.
वहीं, एजेंसी के संवाददाता ने बताया कि बड़ी संख्या में स्थानीय लोग पुलों पर इकट्ठा होकर नदी के उफान को देख रहे थे. मस्जिदों के माइक्रोफोन से लोगों को बाढ़ के खतरे के प्रति सचेत किया गया, जिससे मुजफ्फराबाद और उसके आस-पास के क्षेत्रों में तनाव व्याप्त हो गया..
पाकिस्तान ने जताई आपत्ति
पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि भारत ने पाकिस्तान को पूर्व सूचना दिए बिना झेलम नदी में बड़ी मात्रा में पानी छोड़ दिया. "दुनिया न्यूज" के अनुसार, यह पानी भारतीय प्रशासित जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले से बहता हुआ चकोठी के रास्ते POK में प्रवेश कर रहा है.
अब तक भारत की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. शनिवार को 1230GMT तक झेलम के बढ़ते जलस्तर पर भारत का कोई स्पष्टीकरण सामने नहीं आया था.
सिंधु जल संधि निलंबन के बाद पानी को लेकर टकराव
यह ताजा विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब हाल ही में पहलगाम, जम्मू-कश्मीर में अज्ञात हमलावरों द्वारा किए गए हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद का आरोप लगाया था.
इसके जवाब में भारत ने 1960 में हुई ऐतिहासिक सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की, जिसके तहत सिंधु बेसिन की छह नदियों के पानी के बंटवारे को नियंत्रित किया जाता है.
भारत के जल संसाधन मंत्री सी.आर. पाटिल ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि भारत अब सुनिश्चित करेगा कि सिंधु नदी की एक भी बूंद पानी पाकिस्तान न पहुंचे. इसके लिए अल्पकालिक, मध्यम और दीर्घकालिक रणनीति बनाई जा रही है, जिसमें नदी के बहाव को मोड़ने और ड्रेजिंग जैसे उपाय शामिल हैं. मंत्री ने कहा कि "गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में इस संबंध में उच्चस्तरीय बैठक हुई और एक रोडमैप तैयार किया गया."
पाकिस्तान की 'युद्ध की कार्रवाई' की चेतावनी
पाकिस्तान ने भारत के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. इस्लामाबाद ने कहा है कि सिंधु जल संधि को एकतरफा निलंबित नहीं किया जा सकता और यदि भारत पानी रोकने का प्रयास करता है तो उसे "युद्ध की कार्रवाई" माना जाएगा.
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक जनसभा में तीखी चेतावनी देते हुए कहा, "या तो सिंधु नदी से पानी बहेगा या भारतीयों का खून बहेगा. सिंधु हमारी है, और हमारी ही रहेगी.."
कश्मीर बना विवाद का केंद्र
कश्मीर एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव का मुख्य केंद्र बन गया है. भारत ने पहलगाम हमले को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद बताया है, जबकि पाकिस्तान ने इस आरोप को खारिज करते हुए हमले की 'तटस्थ जांच' कराने की पेशकश की है.
भारत ने इस तनाव के बीच पाकिस्तान के साथ एकमात्र सक्रिय भूमि सीमा बिंदु को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया है और भारतीय एयरलाइनों को पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से उड़ान भरने से रोकने की चेतावनी दी गई है.
जवाबी कदम के तहत पाकिस्तान ने भारतीय स्वामित्व वाली या संचालित एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है और तीसरे पक्ष के माध्यम से व्यापार भी निलंबित कर दिया है..
भविष्य की राह
सिंधु जल संधि, जिसे विश्व बैंक की मध्यस्थता में हस्ताक्षरित किया गया था, दशकों तक भारत-पाकिस्तान संबंधों में स्थिरता का एक प्रमुख स्तंभ रही है. लेकिन वर्तमान हालात ने इस संधि के भविष्य पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं. यदि दोनों देश इस मुद्दे पर समझौता नहीं कर पाते, तो क्षेत्र में जल संकट के साथ-साथ सैन्य तनाव भी बढ़ने की आशंका प्रबल हो गई है.
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस टकराव को शीघ्रता से कूटनीतिक माध्यमों से नहीं सुलझाया गया तो इसके परिणाम केवल भारत और पाकिस्तान तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में शांति और सुरक्षा पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं.