भारत-नेपाल संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘सूर्य किरण’ आयोजित, दोनों देशों में भाईचारा मजबूत करने की अपील

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 06-01-2025
India-Nepal joint military exercise 'Surya Kiran' held, appeal to strengthen brotherhood between the two countries
India-Nepal joint military exercise 'Surya Kiran' held, appeal to strengthen brotherhood between the two countries

 

सलझंडी, नेपाल. 18वां भारत-नेपाल संयुक्त सैन्य अभ्यास, सूर्य किरण, वर्तमान में नेपाल के सलझंडी में चल रहा है. 31 दिसंबर से 13 जनवरी तक चलने वाला यह अभ्यास भारतीय और नेपाली सेनाओं के बीच साझेदारी को मजबूत करता है, जिससे दोनों को सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने और परिचालन कौशल को बेहतर बनाने के लिए एक मंच मिलता है.

इस वर्ष के अभ्यास का मुख्य फोकस आतंकवाद, जंगल युद्ध और चुनौतीपूर्ण पहाड़ी इलाकों में ऑपरेशन करना है. इस अभ्यास में प्रत्येक सेना की एक पैदल सेना बटालियन एक साथ प्रशिक्षण लेती है, जिसका उद्देश्य अंतर-संचालन को बढ़ाना और आतंकवाद विरोधी, आतंकवाद विरोधी और आपदा राहत अभियानों से संबंधित अनुभवों को साझा करना है.

उद्घाटन समारोह के हिस्से के रूप में, दोनों टुकड़ियों ने भारतीय और नेपाली सैन्य संगीत की धुनों पर ताल-मेल बिठाते हुए एक पारंपरिक मार्च में भाग लिया. यह कार्यक्रम दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक मित्रता और सहयोग का प्रतीक है.

नेपाल सेना के मध्य-पश्चिम डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल प्रेम बहादुर गुरुंग ने समारोह के दौरान सैनिकों को संबोधित किया. उन्होंने एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने और अंतर-संचालन को बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया, साथ ही भारत और नेपाल के बीच भाईचारे को भी मजबूत किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘एक-दूसरे के समृद्ध अनुभव से लाभ उठाएं, अंतर-संचालन को बढ़ाएं और साथ ही दोनों देशों के बीच मौजूद भाईचारे को मजबूत करें.’’

भारतीय सेना की टुकड़ी 29 दिसंबर को पारंपरिक सैन्य स्वागत के साथ सलझंडी पहुंची. दोनों सेनाओं के लगभग 700 रक्षाकर्मी इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं, जिससे दोनों देशों के बीच सैन्य संबंध और मजबूत हो रहे हैं. सूर्य किरण अभ्यास भारत और नेपाल के बीच मौजूद दोस्ती, विश्वास और साझा सांस्कृतिक संबंधों के मजबूत बंधन को दर्शाता है. यह भारत और नेपाल की सेनाओं के बीच एक उत्पादक और उपयोगी जुड़ाव के लिए एक मंच भी प्रदान करता है. भारतीय सेना द्वारा जारी बयान के अनुसार, अभ्यास का उद्देश्य जंगल युद्ध, पहाड़ों में आतंकवाद विरोधी अभियानों और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत मानवीय सहायता और आपदा राहत में अंतर-संचालन को बढ़ाना है.