मलिक असगर हाशमी/ नई दिल्ली
पड़ोसी पाकिस्तान के मौजूदा सेना अध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा के सेवानिवृत होने के कुछ घंटे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ समर्थक और पार्टी कार्यकर्ता हमलावर हो गए हैं. बाजवा को सोशल मीडिया पर जबरदस्त ढंग से ट्रोल किया जाए रहा है. उनके ऐसे-ऐसे मीम बनाए जा रहे हैं कि पाकिस्तानी सेना ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके सेना प्रमुख की ऐसी भी दुर्गति भी हो सकती है.
जनरल बाजवा 29 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. इसके चौबीस घंटे पहले उन्हंे सोशल मीडिया पर ट्रोल करने के लिए दो हैशटैग चलाए जा रहे हैं. वह कौन फिरौन था और कैसा लगा मेरा मजाक.(
وہ_کون_فرعون_تھا #کیسالگا_سرپرائز)कैसा लगा मेरा मजाब द कपिल शर्मा में गुत्थी यानी सुनील ग्रोवर का ‘पेटें डॉयलॉग’ था.
वह कौन फिरौन था हैशटैग चलाने के पीछे ट्रोलर का मकसद यह बताना है कि अमेरिका से मिलकर इमरान खान की सरकार गिराने में कमर जावेद बाजवा की अहम भूमिका थी.
इसी तरह वजीरिस्तान के स्वात में आतंकवादियों के हाथों सैनिकों की हत्या में भी सेना प्रमुख बाजवा का हाथ है. वह आतंवादियों से मिलकर सैनिकों पर हमले करवाते थे.
एक यूजर नावेद अली ने ट्विटर पर एक वीडियो और एक तस्वीर साझा की है. जिसमें वाहन पर जाते सेना की टुकड़ी पर चौतरफा गोलियां बरसाते दिखाया गया है, जबकि तस्वीर में वाहन पर सैनिकों के शवों के ढेर दिखाए गए हैं.
एक अन्य यूजर ने कमर जावेद बाजवा के बारे में कमेंट किया है-साजिश थी या खारिश यानी खुजली. इलाज इमरान खान ही करेगा दूर.
राशि साबिर ने इमरान खान को कोट करते हुए लिखा है-डर्टी हीरो जेहनी बीमार है जो लोगों को नंगा करके तशद्दुद करता है. सुन लो डर्टी हीरो ! मैं इंशाअल्लाह कानून के कटघरे में जरूर खड़ा करूंगा.
गौरतलब है कि इमरान खान की पार्टी जब सत्ता में आई थी तो ‘टाइगर’ नाम से सोशल मीडिया एक्टिविस्टों की फौज खड़ी की गई थी ताकि सरकार के विकास के कार्यों को जनता तक पहुंचाया जा सके.
बाद में इमरान खान की तत्तकालीन सरकार ने विकास तो कुछ नहीं किया, विरोधियों की लंका लगाने में अपने टाइगर्स को लगा दिया. इमरान खान को हटाकर सत्ता में आई मियां शहबाज शरीफ सरकार ने बड़ी संख्या में इमरान खान के आईटी सेल के लोगों को विभिन्न आरोपों में धरे भी हैं.
अब इमरान की सोशल मीडिया फौज कमर जावेद बाजवा के पीछे लगी हुई है. रिटायरमेंट के संकेत के साथ बाजवा पर भयंकर तरीक से आक्रमण किया जा रहा है.
स्थिति यह है कि बाजवा के खिलाफ पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के बावजूद ऐसा अभियान भारतीयांे ने भी कभी नहीं चलाया है.
अब्दुल बासित खान जादौं ने बाजवा को गाली से मुखातिब करते हुए ‘ड्राइकुला’ वाला मीम साझा किया है. इस तस्वीर में बाजवा के सिर पर सिंग लगा दिखाया गया है. बाजवा के कथित अकूत संपत्ति को लेकर भी टिप्पणियों की जा रही हैं.
हैशटैग कैसा लगा मेरा मजाक में एक ट्रोलर ने फौजी कैप और चड्डी पहने एक मीम साझा किया है. सैयद सहजेब ने स्वात के नेता आजम स्वाती के हवाले से बाजवा से पूछा है-यह तो बताकर जाओ, तुम्हारे आसासे कितने हैं और कहां से आए हैं.
सेना प्रमुख बाजवा के खिलाफ टिप्पणी करने पर सीनेटर आजम खां स्वाती गिरफ्तार
पाकिस्तान में संघीय पुलिस ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणी करने के लिए एक सीनेटर को गिरफ्तार किया है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के वरिष्ठ सदस्य आजम खान स्वाती को रविवार तड़के इस्लामाबाद के एक उपनगर में उनके आवास से हिरासत में लिया गया.
उस समय वह रावलपिंडी के गैरीसन शहर में इमरान खान के नेतृत्व में एक रैली को संबोधित करने की तैयारी कर रहे थे. आजम खान स्वाती खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का प्रतिनिधित्व करते हैं.
स्वाती पर अवमानना का आरोप लगाया गया है. एक न्यायाधीश के सामने पेशी हुई जिसने संघीय जांच एजेंसी को दो दिनों के लिए सीनेटर से पूछताछ करने की अनुमति दे दी है. उन्हें इस्लामाबाद के एक सेंटर में रखा गया है.
पूर्व मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा कि एफआईए अधिकारियों की एक टीम ने स्वाती को तब हिरासत में लिया जब उन्होंने निवर्तमान सेना प्रमुख से उनकी वित्तीय संपत्ति का विवरण मांग रहे थे.
मजारी ने कहा कि पाकिस्तान में आज अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में है. सार्वजनिक संबोधन हो या सोशल मीडिया, सभी इस अधिकार से वंचित हैं. संघीय जांच एजेंसी का मुख्यालय राजधानी इस्लामाबाद में है.
इसकी वेबसाइट के अनुसार, गृह सचिव के नियंत्रण में एक सीमा नियंत्रण, आपराधिक जांच, प्रतिवाद और सुरक्षा एजेंसी है. स्वाती को सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, संस्थानों और अन्य सरकारी अधिकारियों की आलोचना करने के लिए अक्टूबर में भी गिरफ्तार किया गया था.
उस समय अदालत में उन्हांेने आरोप लगाया कि उन्हें प्रताड़ित किया गया. गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी.