इमरान खान की गिरफ्तारी गैरकानूनी! एक घंटे के अंदर कोर्ट में पेश किया जाएः पाक सुप्रीम कोर्ट

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 11-05-2023
इमरान खान की गिरफ्तारी गैरकानूनी! एक घंटे के अंदर कोर्ट में पेश किया जाएः पाक सुप्रीम कोर्ट
इमरान खान की गिरफ्तारी गैरकानूनी! एक घंटे के अंदर कोर्ट में पेश किया जाएः पाक सुप्रीम कोर्ट

 

इस्लामाबाद. पाकिस्तान की सियासत में नाटकीय घटनाक्रमों का दौर जारी है. आज पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से जारी दंगों के दौरान स्थिति ने एक नई दिशा ले ली. इमरान खान की गिरफ्तारी को कल सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसमें पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. याचिका में यह स्टैंड लिया गया है कि इमरान खान की गिरफ्तारी अवैध है. इमरान खान की गिरफ्तारी को कानूनी घोषित करने वाले उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द किया जाना चाहिए और इमरान खान को अदालत में पेश करने का आदेश दिया जाना चाहिए.

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अट्टा बांदियाल की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति अतहर मिनुल्लाह की पीठ सुनवाई कर रही है. सुनवाई की शुरुआत में इमरान खान के वकील हामिद खान ने दलीलें दीं और कहा कि इमरान खान इस्लामाबाद हाई कोर्ट में गिरफ्तारी से पहले जमानत लेने आए थे, वह बायोमेट्रिक्स कर रहे थे, तभी रेंजर्स कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे और उन्हें गाली-गलौज करके गिरफ्तार कर लिया.

न्यायमूर्ति अतहर मनुल्लाह ने कहा कि उच्च न्यायालय के मुद्दे को भी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देखा जाएगा. हमें न्याय तक पहुंच के अधिकार को देखना होगा. प्रत्येक नागरिक को न्याय तक पहुंच का अधिकार है. इसमें क्या हो रहा है, राजनीतिक स्थिति के कारण देश बहुत दुखी है. पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने कहा कि कोर्ट को गिरफ्तार करने से कोर्ट की पवित्रता कहां चली गई, रिकॉर्ड के मुताबिक जो केस होने वाला था, शायद कोई और था, जब 90 लोग कोर्ट परिसर में दाखिल हुए, तो कोर्ट की क्या इज्जत थी. एनएबी ने अदालत का अपमान किया है. भविष्य में कोई भी अदालत में खुद को सुरक्षित नहीं मानेगा, किसी को उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय या जवाबदेही अदालत में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. इमरान खान की गिरफ्तारी से न्यायिक गरिमा को कम आंका गया है.

जस्टिस अतहर मिनुल्ला ने कहा कि एनएबी कई सालों से अलग-अलग लोगों के साथ एक ही तरह की हरकतें करता आ रहा है. अगर इस तरह की गिरफ्तारियां होने लगीं, तो भविष्य में कोई भी अदालतों पर भरोसा नहीं कर पाएगा. पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि एनएबी वारंट के अनुपालन की समीक्षा करेगी, न कि इसकी वैधता की. इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद जो हुआ उसे रुकना चाहिए था.

जस्टिस अतहर ने इमरान खान के वकीलों से पूछा कि वे सुप्रीम कोर्ट से क्या चाहते हैं. इस पर हामिद खान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इमरान खान की रिहाई का आदेश देना चाहिए. हामिद खान की स्थिति पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अवैध काम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, आप जो फैसला चाहते हैं वह हर नागरिक पर लागू होगा, न्याय तक पहुंच हर नागरिक का अधिकार है.

कोर्ट ने पूछा कि एनएबी में इमरान खान की जांच क्यों नहीं हुई? क्या एनएबी के नोटिस में इमरान खान को व्यक्तिगत रूप से तलब किया गया था? एनएबी चाहता है कि दूसरे लोग कानून का पालन करें, जबकि वह खुद ऐसा नहीं करता. गिरफ्तारी से पहले एनएबी ने रजिस्ट्रार हाईकोर्ट से अनुमति ली थी? कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि इमरान खान ने भी एनएबी के नोटिस का पालन नहीं किया, एनएबी के नोटिस का मतलब है कि संबंधित व्यक्ति को आरोपी माना जाएगा. न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर ने कहा कि कई लोगों को एनएबी के नोटिस पर ही जमानत मिल जाती है. रिकॉर्ड के मुताबिक, इमरान खान ने मार्च में मिले एनएबी के नोटिस का जवाब मई में दिया था.

अदालत ने सवाल किया कि क्या एनएबी ने गिरफ्तारी से पहले रजिस्ट्रार उच्च न्यायालय से अनुमति ली थी. इस पर अभियोजक जनरल एनएबी ने कहा कि एनएबी ने आंतरिक मंत्रालय से वारंट का निष्पादन किया. इस पर अदालत ने पूछा कि क्या आंतरिक मंत्रालय ने अदालत परिसर में वारंट का निष्पादन किया.

इस पर अभियोजक जनरल एनएबी असगर हैदर ने कहा कि वह न्यायपालिका का बहुत सम्मान करते हैं. न्यायमूर्ति अतहर मनुल्लाह ने कहा कि एनएबी ने कई वर्षों से अपना सबक नहीं सीखा है, एनएबी पर राजनीतिक इंजीनियरिंग सहित कई आरोप हैं, एनएबी ने देश को बहुत नष्ट कर दिया है. एनएबी के वकील ने अदालत में कहा कि अतीत मेंएनएबी के आचरण को देखते हुए वह विरोध करते रहे, इमरान खान को जान जाने का खतरा था. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि 1 तारीख को वारंट जारी हुआ और 9 तारीख को गिरफ्तारी हुई. एनएबी ने उन्हें 8 तारीख को गिरफ्तार करने की कोशिश क्यों नहीं की? क्या कोर्ट से ही इमरान खान को गिरफ्तार करना चाहती थी एनएबी?

गृह मंत्रालय को 8 मई को क्यों लिखा पत्र? जस्टिस अजहर ने पूछा कि क्या एनएबी ने कोर्ट के अंदर से इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए कहा और इमरान खान को कितने नोटिस मिले. एनएबी के अभियोजक ने कहा कि इमरान खान को केवल एक नोटिस दिया गया था, इस पर जस्टिस अतहर ने कहा कि जाहिर तौर पर एनएबी के वारंट के अनुरूप नहीं थे. क्या वारंट जारी होने के बाद गिरफ्तारी का प्रयास किया गया था?

इमरान खान लाहौर में थे, एनएबी ने पंजाब सरकार से वारंट का पालन करने के लिए क्यों नहीं कहा? चीफ जस्टिस ने पूछा कि इमरान खान को किसने गिरफ्तार किया था? एनएबी के अभियोजक ने कहा कि आईजी इस्लामाबाद के अनुसार, उन्होंने वारंट का अनुपालन किया और अदालत के आदेश के अनुसार, पुलिस ने वारंट का अनुपालन किया.

न्यायमूर्ति उमर अट्टा ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया कि कोई अनुमति नहीं ली गई, अगर आरोपी अदालत में आत्मसमर्पण करता है और वहीं से गिरफ्तारियां की जाती हैं, तो अदालत परिसर गिरफ्तारी के लिए आसान जगह बन जाएगा. बाद में कोर्ट ने आईजी इस्लामाबाद को इमरान खान को साढ़े चार बजे तक कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया. चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कोई फालोअर नहीं होगा.

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