ढाका
बांग्लादेश की पूर्व 'मिस अर्थ' और मॉडल मेघना आलम को ढाका में सऊदी अरब के पूर्व राजदूत से कथित तौर पर 50 लाख अमेरिकी डॉलर वसूलने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई राजनयिक को प्रेमजाल में फंसाकर ब्लैकमेल करने की साजिश के तहत की गई.
हालांकि, मेघना आलम ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया है कि सऊदी राजदूत खुद उनसे विवाह करना चाहते थे और बार-बार संपर्क कर रहे थे.ढाका पुलिस द्वारा अदालत में दायर एक याचिका में कहा गया, "मेघना आलम, उनके करीबी सहयोगी दीवान समीर और कुछ अन्य लोग विदेशी राजनयिकों को सुंदर लड़कियों के ज़रिए फंसाकर उनसे अवैध रूप से पैसे वसूलने के प्रयास में शामिल थे."
हालांकि, पुलिस ने सऊदी राजदूत का नाम उजागर नहीं किया लेकिन कहा कि यह मामला देश की सुरक्षा और आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाने वाला है.30 वर्षीय मेघना आलम एक सामाजिक संस्था भी चलाती हैं.उन्हें पहले विवादास्पद ‘विशेष शक्तियां अधिनियम’ के तहत बिना किसी आरोप के हिरासत में लिया गया था, जो पुलिस को लंबी अवधि तक बिना मुकदमा के किसी को हिरासत में रखने की अनुमति देता है.
इस गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई है और मानवाधिकार संगठनों ने भी चिंता जताई है.एमनेस्टी इंटरनेशनलने अपने बयान में कहा, "हम मांग करते हैं कि या तो मेघना पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार आरोप तय किया जाए या उन्हें तुरंत रिहा किया जाए.
पुलिस प्रवक्ता मोहम्मद तालेबुर रहमान के मुताबिक, अदालत ने मामले की प्राथमिक जांच के आधार पर मेघना को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है.बंगाली दैनिक ‘प्रथम आलो’ के अनुसार, अदालत में पेशी के दौरान मेघना ने खुद अपने बचाव में दलील दी और गिरफ्तारी रद्द करने की मांग की.
उन्होंने अदालत को बताया कि राजनयिक लगातार उनसे संपर्क कर रहा था, फोन कर रहा था और विवाह का प्रस्ताव दे रहा था, जबकि उन्होंने कभी ऐसा कोई इशारा नहीं किया.सरकारी वकील उमर फारुक फारुकी ने बताया कि यह मामला अभी शुरुआती जांच के चरण में है, और आरोप गंभीर हैं.मेघना के पिता बदरूल आलम ने मीडिया से कहा कि सऊदी राजदूत उनकी बेटी से शादी करना चाहता था, लेकिन उनकी बेटी ने यह प्रस्ताव यह कहकर ठुकरा दिया कि वह पहले से विवाहित है और उसके बच्चे भी हैं.
ढाका स्थित सऊदी दूतावास ने इस मामले में कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है, हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मामला सार्वजनिक होने के तुरंत बाद संबंधित राजदूत बांग्लादेश छोड़कर जा चुके हैं.
उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब में करीब 20 लाख बांग्लादेशी नागरिक काम करते हैं, जिससे बांग्लादेश को हर साल बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है.ऐसे में अंतरिम सरकार इस संवेदनशील मामले को राजनयिक संबंधों पर असर डालने से रोकने की कोशिश में है.