फरीदा अख्तर की गलतबयानी, कहा-बांग्लादेश में कोई अल्पसंख्यक नहीं

Story by  रावी | Published by  [email protected] | Date 06-12-2024
Farida Akhtar's false statement, said- there are no minorities in Bangladesh
Farida Akhtar's false statement, said- there are no minorities in Bangladesh

 

ढाका

मत्स्य एवं पशुधन सलाहकार फरीदा अख्तर ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक जैसा कोई शब्द नहीं हो सकता. बांग्लादेश में मुस्लिम, हिंदू, बौद्ध, ईसाई में अंतर करना हमारा काम नहीं है। हर कोई इस देश का नागरिक है.

उन्होंने यह भांेडा बयान राजधानी के चाइना फ्रेंडशिप कॉन्फ्रेंस सेंटर में 'बांग्लादेश छुपाएं' की 50 वीं वर्षगांठ पर मुख्य अतिथि से संबोधित करते हुए दिए हैं.उन्होंने कहा, इस्लाम ने लोगों को 'अशरफुल मखलूकात' ( सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्राणी)घोषित किया है.ये लोग कई बार लोगों को नुकसान भी पहुंचाते हैं और फायदा भी पहुंचाते हैं.इसलिए अगर हम अशरफुल मखलूकात बनना चाहते हैं तो सेवा ही एकमात्र काम हो सकता है.

सलाहकार ने कहा, 'बांग्लादेश छुपाएं' ऐसे समय में 50 साल पूरे कर रहा है जब छात्र-श्रमिक-जन आंदोलन के परिणामस्वरूप एक नए बांग्लादेश का जन्म हुआ था.जिन बच्चों को HEED बांग्लादेश द्वारा शिक्षा दी जा रही है वे HEED बांग्लादेश को भविष्य में सौ वर्षों तक जीवित रखेंगे.

फरीदा अख्तर ने कहा, नब्बे के दशक के मध्य में जब मैं हीड बांग्लादेश को जानती थी तो कुष्ठ रोगियों के इलाज को उनके मानवीय कार्यों में से एक माना जाता था.उस समय बहुत से लोग कुष्ठ रोगियों के पास भी नहीं जाते थे। लेकिन हीड बांग्लादेश ने उनकी सेवा की.

उन्होंने कहा कि बेगम रोकेया ने महिलाओं की मुक्ति के लिए बहुत कुछ किया है, आज के बांग्लादेश प्रमुख उसी निरंतरता में काम कर रहे हैं.गरीबी सिर्फ आर्थिक कारणों से नहीं होती, इसके लिए हमारी मानसिक, शैक्षणिक समेत कई चीजें जिम्मेदार होती हैं.HEED बांग्लादेश जिस तरह से महिलाओं के सशक्तिकरण सहित विभिन्न लाभों के लिए काम कर रहा है, वह सराहनीय है.